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Libra Yearly Horoscope 2024: तुला राशि वालों के लिए कैसा रहेगा साल 2024? जानें अपना वार्षिक राशिफल

Libra Yearly Horoscope 2024: तुला राशि के जातकों को इस पूरे वर्ष मेहनत, कार्यकुशलता और ईमानदारी पर विश्वास रखना होगा, क्योंकि वर्ष की शुरुआत से पूरे वर्ष शनि महाराज आपके पंचम भाव में रहेंगे और वहां से आपके सप्तम, एकादश और द्वितीय भाव पर दृष्टि बनाये रखेंगे.

Libra Yearly Horoscope 2024 (तुला राशि (24 सितंबर से 23 अक्तूबर)

Libra Yearly Horoscope 2024: तुला राशि के जातक अकेला रहना पसंद नहीं करते. ये लोग खुद को लोगों से घिरा हुआ रखते हैं. ये तेजी से दूसरों के साथ संबंध जोड़ने पर ध्यान केंद्रित रखते हैं. कई बार इन्हें बेहतर परिणाम भी मिलता है.

तुला राशि के जातकों को इस पूरे वर्ष मेहनत, कार्यकुशलता और ईमानदारी पर विश्वास रखना होगा, क्योंकि वर्ष की शुरुआत से पूरे वर्ष शनि महाराज आपके पंचम भाव में रहेंगे और वहां से आपके सप्तम, एकादश और द्वितीय भाव पर दृष्टि बनाये रखेंगे. आप जितना ईमानदारी और मेहनत से काम करेंगे, उतना ही आपका वैवाहिक जीवन और आपका आर्थिक पक्ष मजबूत होगा. देव गुरु बृहस्पति 1 मई तक आपके सप्तम भाव में रहकर प्रथम, तृतीय और एकादश भाव को देखेंगे, जिससे आपका स्वास्थ्य सुधरेगा. निजी संबंधों में प्रगाढ़ता आयेगी. लेकिन 1 मई को देव गुरु बृहस्पति अष्टम भाव में जायेंगे, जिससे खर्चों में बढ़ोतरी होने के योग बनेंगे.

सूर्य देव आपकी कुंडली के लाभ स्थान के स्वामी हैं और 14 अप्रैल को अपनी उच्च राशि मेष राशि में प्रवेश करेंगे और सप्तम भाव में विराजमान बृहस्पति के साथ 12 वर्ष के बाद गोचर में एक साथ होंगे. जब आपके तीसरे और लाभ स्थान के स्वामी का गोचर एक साथ होगा, तो इस राजयोग के बनने से आपको बहुत लाभ प्राप्त होगा. आपके साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी. अपना नया कारोबार शुरू कर सकते हैं. आपके मित्र भी इस समय पूरे तरीके से आपके सहायक सिद्ध होंगे. उच्च पद की प्राप्ति होगी.

साल की शुरुआत में देवगुरु बृहस्पति का गोचर आपके सप्तम भाव में है और शनि का गोचर पंचम भाव में है. ऐसे में देवगुरु बृहस्पति और शनि दोनों की दृष्टि का संयुक्त प्रभाव आपके एकादश भाव यानी कि लाभ स्थान पर आ रहा है. इनके संयुक्त प्रभाव से करियर में आपको नये मौके मिलेंगे.

ग्रहों के सेनापति कहे जाने वाले मंगल आपकी कुंडली में धन स्थान के स्वामी हैं और उनका गोचर 15 मार्च को शनि की राशि कुंभ राशि में होगा, जहां शनिदेव के साथ उनकी युति का निर्माण होगा. 23 अप्रैल तक मंगल व शनि की युति आपके पंचम भाव में होगी. ऐसे विद्यार्थी वर्ग जो शोध कार्य के लिए विदेश जाना चाहते हैं, उनको लाभ हो सकता है. रियल स्टेट या मशीनरी का काम करते हैं, तो आपके व्यापार में खूब मुनाफा होने की उम्मीद है.

तुला राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर पूरे साल मीन राशि में रहेगा और आपके छठे भाव को प्रभावित करेगा. आपके शत्रु भाव में राहु का गोचर आपके लिए किसी वरदान से काम नहीं है. राजनीति में उच्च पद प्राप्ति का यह समय है और अपने शत्रुओं का नाश करने का समय है. इस भाव में राहु का गोचर आपके स्वास्थ्य को भी अच्छा रखेगा.

तुला राशि के जातकों के लिए रहस्य और अध्यात्मक के कारक ग्रह केतु पूरे वर्ष द्वादश भाव में गोचर करेंगे. इस भाव में केतु का गोचर बहुत ही अच्छा माना जाता है, क्योंकि यह एकांत का भाव है और केतु भी एकांत को ही पसंद करता है, इसलिए जो अध्यात्म से जुड़े हैं, उनके लिए तो यह गोचर किसी वरदान से काम नहीं है. वैवाहिक जीवन के लिहाज से यह साल अच्छा रहने वाला है. साल की शुरुआत में ही पंचमेश का शुभ गोचर और सप्तम भाव में देवगुरु की उपस्थिति आपके प्रेम संबंधों को प्रभावी बनाने की दिशा में कार्य करेगी. सप्तम भाव में देव गुरु बृहस्पति महाराज आपको पूरे वर्ष की शिक्षा दे जायेंगे. आप जितना अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगे और जीवन साथी को महत्व देंगे, उतना ही आपका वैवाहिक जीवन सुखद रहेगा. इसके अलावा जो नि:संतान दंपती हैं, उन्हें संतान की प्राप्ति हो सकती है.

वहीं प्रेम संबंधों के मामले में वर्ष की शुरुआत अनुकूल रहेगी. आप अपने प्रियतम और किसी को भी अपना बनाने में सफल रहेंगे. आप प्रेम विवाह भी वर्ष के अंतिम महीनों में कर सकते हैं. विद्यार्थियों के लिए यह वर्ष चुनौतियों से भरा रहने वाला है. शनि देव कठिन मेहनत की ओर इशारा करते हैं. ग्रहों की कृपा से प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता मिल सकती है. पारिवारिक जीवन के लिए वर्ष की शुरुआत अनुकूल रहेगी.

वर्ष का पूर्वार्ध आर्थिक तौर पर अधिक अनुकूल रहेगा. उत्तरार्ध में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से यह वर्ष उतार-चढ़ाव से भरा रहेगा. अपने प्रति गैर जिम्मेदाराना रवैया रखना आपको नुकसान दे सकता है.

शुभ रंग : पीला

शुभ अंक : 06

शुभ दिन : गुरुवार

अमृतसिद्धि मंत्र : ॐ ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।

उपाय : प्रतिदिन श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करें. सूर्य नमस्कार करें. घर में श्रीयंत्र की स्थापना करें और उसके सामने देशी घी का दीपक जलाएं.

डॉ श्रीपति त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य

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