मंगल का होने वाला है गोचर, इन राशियों की पलट सकती है किस्मत
Mangal Gochar in January 2025: ग्रहों के सेनापति मंगल का राशि परिवर्तन होने वाला है. का शुभ और अशुभ प्रभाव राशियों पर 72 दिनों तक बना रहेगा. यहां जानें किन राशियों पर अशुभ प्रभाव होने वाला है.
Mangal Gochar January 2025: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की गति का अत्यधिक महत्व है. ज्योतिष के अनुसार, जब ग्रह एक निश्चित समयावधि में वक्री या मार्गी होते हैं, तो इसका व्यक्ति के जीवन पर शुभ और अशुभ दोनों प्रकार का प्रभाव पड़ता है. आपको सूचित किया जाता है कि मंगल ग्रह की चाल में जल्द ही परिवर्तन होने वाला है.
वैदिक पंचांग के अनुसार, 21 जनवरी 2025 को मंगल ग्रह बुध द्वारा शासित राशि मिथुन में वक्री होने जा रहा है. ज्योतिष में मंगल ग्रह को सेनापति और पराक्रम का प्रतीक माना जाता है. जब भी यह राशि परिवर्तन करता है या वक्री होता है, तो इसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ता है. इस प्रकार, मंगल की वक्री चाल कुछ राशियों के लिए अत्यंत शुभ सिद्ध हो सकती है. इस समय इन राशियों के जातकों के जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं. आइए जानते हैं ये राशियां कौन सी हैं.
मिथुन: मंगल का गोचर आपकी राशि में होने जा रहा है, जो आपके लिए चुनौतियाँ उत्पन्न कर सकता है. मंगल के प्रभाव से आपके भीतर क्रोध की भावना बढ़ सकती है, जिससे आपके व्यक्तिगत कार्य प्रभावित होंगे. आपको अपने क्रोध पर नियंत्रण रखना आवश्यक है, अन्यथा आपकी स्वास्थ्य स्थिति भी बिगड़ सकती है. मानसिक तनाव आपको परेशान कर सकता है. आपके पारिवारिक और दांपत्य जीवन में अशांति बनी रह सकती है. यदि आप अपने खानपान पर ध्यान देंगे, तो आपको इससे लाभ होगा.
कर्क: मंगल के गोचर का नकारात्मक प्रभाव कर्क राशि के व्यक्तियों के जीवन में दिखाई दे सकता है. सबसे पहले, आपको अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए. 21 जनवरी से 3 अप्रैल के बीच आपको आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. आपकी आय तो होगी, लेकिन अनियंत्रित खर्चों के कारण आप परेशान रहेंगे. फिजूलखर्ची पर नियंत्रण रखना आवश्यक है, अन्यथा आपको उधार लेने की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. यदि आप मनी मैनेजमेंट को सही तरीके से करेंगे, तो आपके लिए कार्य आसान हो सकता है. करियर के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण रहेगा.
वृश्चिक: मंगल का गोचर वृश्चिक राशि के जातकों के करियर में नई चुनौतियों का सामना करवा सकता है. कार्यस्थल पर आपके कार्य करने के तरीके में परिवर्तन आ सकता है या आपको नई जिम्मेदारियां सौंपी जा सकती हैं, जिससे आपको कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. आपके मन में असफलता का भय उत्पन्न हो सकता है. आपको अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है. मानसिक शांति में विघ्न आने से आप परेशान हो सकते हैं. योग और ध्यान का अभ्यास करें. इस दौरान आपको कुछ स्थानों की यात्रा भी करनी पड़ सकती है.