Budh Vakri 2022: ग्रहों में राजकुमार बुध वृषभ राशि में होंगे वक्री, इन राशियों को सावधान रहने की जरूरत
Budh Vakri 2022: आज यानी 10 मई को बुध ग्रह वृषभ राशि में वक्री होने जा रहे हैं. वक्री का मतलब होता है कि बुध ग्रह राशि की उल्टी दिशा में गति करेंगे.
Budh Vakri 2022: बुध ग्रह वृषभ राशि में 10 मई को वक्री होने जा रहे हैं. ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि आमतौर पर बुध 21 दिन गोचर करते हैं, लेकिन इस बार वे 68 दिनों तक एक ही राशि वृषभ में रहेंगे. दरअसल, बुध 25 अप्रैल से 10 मई तक वृषभ में सीधी चाल चलेंगे और उसके बाद 3 जून तक वक्री रहेंगे.
क्या हो वक्री होने का मतलब
वक्री का मतलब होता है कि बुध ग्रह राशि की उल्टी दिशा में गति करेंगे. वास्तव में कोई भी ग्रह पीछे की तरफ नहीं चलता है, मगर घूमती हुई पृथ्वी से ग्रह की दूरी और उस ग्रह की अपनी गति की वजह से ऐसा प्रतीत होता है कि ग्रह उल्टा गोचर कर रहे हैं. ज्योतिष के अनुसार, बुध के वक्री गोचर से कुछ राशि के लोगों को संभलकर रहने की जरूरत है. इस महीने यानी कि मई में बुध ग्रह वृषभ राशि में वक्री दिशा में गोचर करेंगे और फिर अस्त होने के बाद मार्गी होंगे और आखिर में मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे.
बुध हैं ग्रहों में राजकुमार
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, बुध ग्रह को राजकुमार की उपाधि दी गई है. इतना ही नहीं बुध ग्रह बाकी ग्रहों की तुलना में सूर्य के काफी निकट हैं. बुध व्यक्ति में ज्ञान, बुद्धि और हास्य का प्रतिनिधित्व करते हैं. साथ ही कई स्थितियों में इस ग्रह को काफी लाभकारी भी माना गया है. जिन लोगों की कुंडली में बुध ग्रह मजबूत स्थिति में होते हैं, वो जातक तेजस्वी ज्ञानी और बुद्धिमान होते हैं. वहीं, अगर बुध कमजोर या कहे नकारात्मक स्थिति में है तो जातक को निर्णय लेने में परेशानी और चिंता रह सकती है.
बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क शक्ति, वाणिज्य, अर्थव्यवस्था, शेयर और व्यापार का दाता कहा जाता है. इसलिए बुध ग्रह के वक्री होने का प्रभाव इन क्षेत्रों पर विशेषकर पड़ेगा. लेकिन 3 राशियां ऐसीं भी है जिनको इस दौरान सावधान रहने की भी जरूरत है.
वृषभ राशि
बुध ग्रह के वक्री गोचर के प्रभाव से वृषभ राशि के जातकों को हेल्थ से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. इस दौरान आपके खर्च बढ़ेंगे और आर्थिक तंगी हो सकती है, वहीं ऑफिस में भी आपके लिए चुनौतियां आएंगी और आपको सावधान रहने की जरूरत है.
कन्या राशि
आप लोगों को बुध देव का वक्री होना थोड़ा कष्टकारी साबित हो सकता है. क्योंकि बुध देव आपके नवम भाव में वक्री होने जा रहे हैं, जिसे भाग्य और विदेश यात्रा का भाव कहते हैं. इस दौरान कन्या राशि के लोगों को भाग्य के सहारे नहीं बैठे रहना चाहिए. क्योंकि इस समय मेहनत से ही सफलता हाथ लगेगी. साथ ही प्रतियोगी छात्रों को किस्मत का कम साथ मिलेगा. पिता के साथ इस राशि के कुछ जातकों की नोकझोंक हो सकती है. धार्मिक-क्रियाकलापों से भी आपका मन हट सकता है. साथ ही अगर आप अभी कहीं व्यवसायिक यात्रा का मन बना रहे हो तो अभी टाल दें तो बेहतर होगा.
धनु राशि
आप लोगों को बुध देव का वक्री होना थोड़ा हानिकारक साबित हो सकता है. क्योंकि बुध देव आपके षष्ठम भाव में वक्री होंगे. जिसे शत्रु और रोग का भाव कहा जाता है. इसलिए आपके विरोधी इस दौरान सक्रिय हो सकते हैं और आपके खिलाफ साजिश रच सकते हैं. मतलब शत्रु पक्ष आपको काम में रुकावट पैदा कर सकता है. वहीं परिवार में भी किसी के साथ नोकझोंक हो सकती है. साथ ही कोई पुराना रोग उभर सकता है या कोई बीमारी हो सकती है.
मीन राशि
मीन राशि के जातक जो बिजनेस करते हैं उन्हें इस गोचर से परेशानी हो सकती है. शादीशुदा जातकों के जीवन में भी परेशानियां आ सकती हैं, आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.