Navratri 2022: अपनी राशि के अनुसार इस तरीके से करें मां दुर्गा की उपासना, मेष से मीन राशि वाले जान लें
Navratri 2022: यदि कोई जातक किसी ग्रह के अशुभ प्रभाव से ग्रस्त है, उसके कार्य में बाधाएं आ रही हैं तो ग्रह से संबंधित उसकी उक्त नियंत्रिका देवी की साधना-पूजा-व्रत कर उस ग्रह बाधा से छुटकारा पा सकते हैं. जानें नवरात्रि 2022 में अपनी राशि अनुसार माता दुर्गा की आराधना करने का तरीका, मंत्र.
Navratri 2022: ऐश्वर्य, धन, सौन्दर्य, सौभाग्य, कीर्ति, विद्या, बल, आयु, सन्तान, आनन्दोपभोग, सुलक्षणा पत्नी, सुयोग्य पति, स्वर्ग, मोक्ष की प्राप्ति के लिए दुर्गा पूजा के अवसर पर मां दुर्गा के नौ रूपों एवं दस महाविद्याओं की आराधना की जाती है, लेकिन इसके साथ ही साधक यदि अपनी राशि के अनुसार मां दुर्गा की आराधना एवं सम्बद्ध मंत्र का जप करें, तो उसका प्रभाव द्विगुणित हो जाता है. इससे देवी शीघ्र मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. राशि अनुसार जानें शारदीय नवरात्रि 2022 में देवी दुर्गा की आराधना कैसे करें?
मेष
मेष राशि के जातकों को मां दुर्गा की आराधना करनी चाहिए. इन्हें ह्लीं दुं दुर्गायै नमः मंत्र की 11 माला एवं ओम् ऐं सरस्वत्यै नमः मंत्र का एक माला जप करना चाहिए.
वृष
वृष राशि के जातकों को मां काली की उपासना करनी चाहिए.दुर्गापूजा के अवसर पर प्रतिदिन क्रीं ह्लीं क्लीं अथवा ऊँ क्रीं काल्यै नमः अथवा क्रां क्रीं क्रूं कालिका देव्यै नमः मंत्र का यथाशक्ति जप करना चाहिए.वृषभ राशि वाले जातक यदि कालिका सहस्रनाम का पाठ करें, तो अत्यन्त शुभ फल प्राप्त होता है.
मिथुन
मिथुन राशि वालों को देवी तारा की उपासना करनी चाहिए.साथ ही स्फटिक की माला से ऊँ ह्लीं त्रीं हुं फट् मंत्र की 11 माला जप करना चाहिए.इसके साथ ही तारा कवच का पाठ करना चाहिए.
कर्क
कर्क राशि के जातकों को माँ कमला की उपासना करना चाहिए.इन्हें प्रतिदिन नमः कमल वासिन्यै स्वाहा मंत्र का 11 माला जप तथा श्रीसूक्त का पाठ करना चाहिए.
सिंह
सिंह राशि के जातकों को मां बाला त्रिपुरा की उपासना करनी चाहिए. तथा ऐं क्लीं सौं मंत्र का 11 माला जप करना चाहिए. साथ ही, इन्हें नियमित भैरवी त्रैलोक्य विजय कवच का पाठ करना चाहिए.
कन्या
कन्या राशि के जातकों को मां मांतगी की उपासना करना चाहिए. तथा इन्हें ऊँ ह्लीं क्लीं हूँ मातंग्यै फट् स्वाहा मंत्र की 11 माला जप करना चाहिए. साथ ही मांतगी सहस्रनाम जप करें.
तुला
तुला राशि वालों को दुर्गा पूजा के अवसर पर माता महाकाली की आराधना करने के साथ क्रीं हूं ह्लीं मंत्र का प्रतिदिन 21 माला जप करना चाहिए. साथ ही, इन्हें काली कवच का नियमित पाठ करना चाहिए.
वृश्चिक
वृश्चिक राशि वाले जातकों को मां दुर्गा की उपासना करनी चाहिए. इन्हें प्रतिदिन ऊँ ह्लीं दुं दुर्गायै नमः मंत्र का 11 माला जप करना चाहिए. इसके साथ ही इन्हें दुर्गा सहस्रनामावली का नियमित पाठ करना चाहिए.
धनु
धनु राशि वाले जातकों को इस दुर्गा पूजा के अवसर पर मां बगलामुखी की उपासना करनी चाहिए. इन्हें प्रतिदिन श्रीं ह्लीं ऐं भगवती बगले श्रियं देहि देहि स्वाहा मंत्र का 5 माला और ऐं ह्लीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे मंत्र का एक माला जप करना चाहिए.
मकर
मकर राशि वाले जातकों को मां षोड़शी की आराधना करनी चाहिए. इन्हें श्री मंत्र का 51 माला तथा ऊँ पां पार्वती देव्यै नमः मंत्र का यथा शक्ति जप करना चाहिए. इसके साथ ही ललिता सहस्रनाम या दुर्गा सहस्रनाम का नियमित पाठ करना चाहिए.
कुंभ
कुंभ राशि के जातकों को मां भुवनेश्वरी की उपासना करनी चाहिए. और ऐं ह्लीं श्रीं मंत्र का 21 माला का जप करना चाहिए. श्री दुर्गा सप्तशती से कवच, अर्गला, कीलक तथा श्रीदेव्यथर्वशीरष एवं सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ करना चाहिए.
Also Read: Navratri 2022 Date: कब है दुर्गा पूजा? जानें सही डेट, कलश स्थापना मुहूर्त, विधि और पूजा सामग्री
मीन
मीन राशि के जातकों के लिए मां बगलामुखी की उपासना करना श्रेष्ठ रहता है. इन्हें श्रीं ह्लीं ऐं भगवती बगले श्रियं देहि देहि स्वाहा मंत्र की 11 माला एवं मोती की माला से ऊँ ह्लीं श्रीं दुर्गा देव्यै नमः मंत्र का अधिकाधिक जप करना चाहिए.
ज्योतिष डॉ.एन.के.बेरा के बतायें अनुसार