Rahu Ketu Transit Effects Rashifal: ग्रहों के मंत्रिमंडल में शनि देव सबसे धीमी चाल से चलने वाले ग्रह माने गए हैं. शनि के बाद राहु और केतु सबसे धीमी गति से चलते हैं. शनिदेव जहां ढाई वर्ष में एक राशि में भ्रमण करते हैं, तो वहीं राहु और केतु लगभग डेढ़ वर्ष तक एक राशि में भ्रमण कर अपना फल लंबे समय तक प्रदान करते हैं. 30 अक्तूबर 2023 दिन शनिवार को राहु केतु केतु गोचर करने जा रहे है. रहु मेष राशि से निकलकर मीन राशि में जाएंगे. वही केतु तुला राशि से निकलकर कन्या राशि में जाएंगे. इस गोचर से सभी 12 राशियां प्रभावित होगी.
मेष राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर अब द्वादश भाव से होगा. वहीं केतु का गोचर आपके छठे भाव से होगा, जिससे शत्रुओं का विचार किया जाता है. केतु के इस गोचर के कारण संतान पक्ष से जुड़ी हुई समस्याओं में कमी आएगी. आप अपने शत्रुओं पर इस समय पूरे तरीके से हावी रहेंगे. वहीं राहु की दृष्टि आपके अष्टम भाव, आपके शत्रु भाव और आपके चतुर्थ भाव यानी माता के घर पर होगी. इसलिए राहु के कारण यात्राओं में थकान, खर्चों में वृद्धि और पारिवारिक तनाव जैसी परिस्थितियां बन सकती है.
वृषभ राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर आपके लाभ स्थान में होगा. इस भाव में विराजमान राहु की दृष्टि आपके सप्तम पंचम और तीसरे भाव पर होगी. राहु के इस गोचर से आपके अनियंत्रित खर्चों पर लगाम लगेगी. वहीं वृष राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर पंचम भाव में होगा. इस भाव से संतान, बुद्धि और प्रेम का विचार किया जाता है. केतु के इस गोचर के कारण वृष राशि के जातकों को अपने रिश्तों के प्रति बहुत सावधान रहना होगा. वृष राशि के जातकों को आर्थिक क्षेत्र में भी थोड़ा कमजोर महसूस होगा.
मिथुन राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर आपके दशम भाव में होगा, इस भाव में विराजमान राहु की दृष्टि आपके दूसरे, चतुर्थ और छठे भाव पर होगी. मिथुन राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर अब चतुर्थ भाव में होगा, इस भाव से आपकी मानसिक शक्ति और माता की सेहत का विचार किया जाता है. इस भाव में विराजमान केतु की दृष्टि आपके अष्टम भाव, दशम भाव और द्वादश भाव पर रहेगी. राहु-केतु के इस गोचर के कारण आपके जीवन में पारिवारिक तनाव जैसी स्थिति बनेगी.
कर्क राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर आपके नवम भाव में होगा, इस भाव में विराजमान राहु की दृष्टि आपके लग्न भाव, तृतीय भाव और पंचम भाव पर होगी. राहु के इस गोचर के कारण आपको अपने कार्यों को सफल करने के लिए अत्यधिक मेहनत करनी पड़ेगी. कर्क राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर आपके तीसरे भाव में होगा, जिससे साहस और पराक्रम का भाव माना गया है. केतु की दृष्टि आपके सप्तम, नवम और लाभ स्थान पर होगी. तीसरे भाव में केतु के गोचर से आपके साहस और पराक्रम में वृद्धि रहेगी.
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सिंह राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर अष्टम भाव से होगा, इस भाव में विराजमान राहु की दृष्टि आपके द्वादश भाव आपके द्वितीय भाव और आपके चतुर्थ भाव पर होगी. राहु के इस गोचर के कारण आर्थिक तंगी का योग बनेगा. वहीं केतु का गोचर अब आपके दूसरे भाव में होगा. इस भाव से व्यक्ति की वाणी, परिवार और उसके संचित धन का ज्ञान किया जाता है. केतु के इस गोचर के कारण आपकी नौकरी में बदलाव की संभावना पूरी तरह से दिखाई पड़ रही है. इस समय सफलता मिलने की उम्मीद दिखाई दे रही है.
कन्या राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर सप्तम भाव से यानी की पत्नी और साझेदारी के भाव से होगा. इस भाव में विराजमान राहु की दृष्टि आपके लाभ स्थान, लग्न स्थान और तीसरे भाव पर होगी. राहु शुभ और अशुभ दोनों प्रभाव डालेंगे. वहीं केतु का गोचर प्रथम भाव से ही होगा. इस भाव में विराजमान केतु की दृष्टि आपके पंचम, सप्तम और नवम भाव पर होगी। केतु का गोचर लग्न में होने से आपके व्यक्तित्व में आत्मविश्वास की वृद्धि होगी. केतु का यह गोचर आपके धन की वृद्धि करने वाला भी होगा.
तुला राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर आपके छठे भाव यानी कि शत्रु भाव से होगा. इस भाव में विराजमान राहु की दृष्टि आपके दशम, द्वादश और तृतीय भाव पर होगी. छठे भाव में राहु का गोचर शुभ है. वहीं केतु का गोचर अब तुला राशि के द्वादश भाव से होगा, इस भाव में विराजमान केतु की दृष्टि आपके अष्टम, छठे और चतुर्थ भाव पर होगी. केतु के इस गोचर के कारण तुला राशि के जातकों को कुछ अप्रत्याशित खर्चों का सामना करना पड़ सकता है और इस दौरान आपकी आमदनी थोड़ी कम रह सकती है.
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर अब पंचम भाव से होगा, इस भाव में विराजमान राहु की दृष्टि आपके नवम भाव यानी कि भाग्य स्थान पर, लाभ स्थान और लग्न स्थान पर होगी. वहीं केतु का गोचर लाभ स्थान से होगा. इस भाव में विराजमान केतु की दृष्टि आपके तीसरे, पंचम और सप्तम भाव पर होगी. राहु-केतु का यह गोचर वृश्चिक राशि के जातकों के लिए उनकी हर मनोकामना को पूरी करने वाला होगा, क्योंकि इस राशि के स्वामी मंगल हैं और केतु मंगल के समान ही फल करता है.
धनु राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर अब आपके चतुर्थ भाव में होगा, इस भाव में विराजमान राहु की दृष्टि आपके अष्टम, दशम और द्वादश भाव पर होगी. राहु के इस गोचर के कारण मानसिक कष्ट में वृद्धि होगी. वहीं धनु राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर आपके दशम स्थान से होगा, इस भाव में विराजमान केतु की दृष्टि आपके दूसरे चतुर्थ और छठे भाव पर होगी. केतु का यह गोचर आपके कार्य क्षेत्र, आर्थिक जीवन, शत्रु और संपत्ति को अधिक रूप से प्रभावित करने वाला होगा.
मकर राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर अब आपके तीसरे भाव में होगा, इस भाव में विराजमान राहु की दृष्टि आपके सप्तम भाव नवम भाव और लाभ स्थान पर होगी. मकर राशि के स्वामी शनि होते हैं और राहु भी शनि के समान ही फल देते है. राहु का यह गोचर मकर राशि के जातकों के जीवन में बहुत अत्यधिक बदलाव लेकर आएगा. वहीं केतु का गोचर नवम भाव से होगा, जिसे भाग्य स्थान कहा जाता है. केतु के इस गोचर के कारण आपके जीवन में एक नया आध्यात्मिक दृष्टिकोण आएगा.
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कुंभ राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर आपके दूसरे भाव यानी की धन स्थान से होगा. अब राहु की दृष्टि आपके छठे भाव, अष्टम भाव और दशम भाव पर होगी. कुंभ राशि का स्वामी शनि है, इसलिए राहु के गोचर के कारण आपको पारिवारिक संपत्ति प्राप्त होने के योग दिखाई दे रहे हैं. वहीं केतु का गोचर अष्टम भाव से होगा. इस भाव में विराजमान केतु की दृष्टि आपके द्वादश भाव, आपके वाणी भाव और आपके चतुर्थ भाव यानी मां के घर पर होगी. केतु के इस गोचर के कारण आपके वैवाहिक जीवन में तनाव की स्थिति बनेगी.
मीन राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर आपके पहले भाव से होगा. राहु के इस गोचर से काफी समय से चली आ रही आर्थिक तंगी अब खत्म होगी. वहीं केतु का गोचर मीन राशि के सप्तम भाव से होगा. केतु के इस गोचर के कारण आपका अपने जीवनसाथी के साथ कोई झगड़ा हो सकता है या मनमुटाव की नौबत आ सकती है. केतु के इस गोचर के कारण व्यापारी वर्ग को अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद है, इसके अलावा आपके मित्र और आपके भाइयों से भी आपको धन की प्राप्ति होगी.