Rashifal, Panchang, 07 Sept : मेष, कर्क, तुला और वृषभ राशि के जातकों को आज मिलेगा किस्मत का साथ, जानें कुंभ, मीन समेत अन्य राशियों के लिए क्या कहते हैं सितारे
Aaj ka Rashifal, Aries, Pices, Leo, Cancer Rashifal, 07 september 2020 Panchang : मेष के रूके काम होंगे पूरे. वृषभ राशि के जातकों को होगा व्यापार में लाभ. कर्क राशि के जातकों को नये प्रोजेक्ट मिलने की संभावना है. तुला राशि के जातकों के खुलेंगे तरक्की के मार्ग. ऐसे में आइये जानते हैं अन्य राशियों के बारे में. उन्हें लेन-देन, आर्थिक मामलों और व्यापार में क्या सावधानी बरतने की जरूरत है. इसके अलावा प्रेम या पारिवारिक संबंध में कितनी आयेगी मिठास. जानें सभी शुभ-अशुभ घटनाओं के बारे में और उसी आधार पर बनाएं इस सोमवार की योजनाएं.
Aaj ka Rashifal, Aries, Pices, Leo, Cancer Rashifal, 07 september 2020 Panchang : मेष के रूके काम होंगे पूरे. वृषभ राशि के जातकों को होगा व्यापार में लाभ. कर्क राशि के जातकों को नये प्रोजेक्ट मिलने की संभावना है. तुला राशि के जातकों के खुलेंगे तरक्की के मार्ग. ऐसे में आइये जानते हैं अन्य राशियों के बारे में. उन्हें लेन-देन, आर्थिक मामलों और व्यापार में क्या सावधानी बरतने की जरूरत है. इसके अलावा प्रेम या पारिवारिक संबंध में कितनी आयेगी मिठास. जानें सभी शुभ-अशुभ घटनाओं के बारे में और उसी आधार पर बनाएं इस सोमवार की योजनाएं.
शुद्ध आश्विन कृष्ण पक्ष पंचमी रात -06:26उपरांत षष्ठी
श्री शुभ संवत -2077, शाके -1942, हिजरीसन -1442-43
सूर्योदय -05:48
सूर्यास्त -06:12
सूर्योदय कालीन नक्षत्र -भरणी उपरांत भरणी ( समस्त )ध्रुव-योग, तै करण
सूर्योदय कालीन ग्रह विचार- सूर्य- सिंह, चंद्रमा- मेष, मंगल- मेष, बुध- कन्या, गुरु- धनु, शुक्र- कर्क, शनि- धनु, राहु- मिथुन, केतु- धनु,
चौघड़िया
प्रात:07:30 से 09:00 तक काल
प्रातः 09.00 से 10.30 तक शुभ
प्रातः10:30 से 12:00 रोग
दोपहरः 01.30 से 03.00 तक चर
शामः 03.00 से 04.30 तक लाभ
शामः 04.30 से 06.00 तक अमृत
उपायःप्रतिदिन सुबह और शाम घर में संध्यावंदन के समय कर्पूर जरूर जलाएं।
आराधनाः“ऊँ जयन्ती मङ्गलाकाली भद्रकाली कपालिनी।दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते”।।
खरीदारी के लिए शुभ समयः शामः 04.30 से 06.00 तक अमृत।
उपायः गुड़ खाकर पानी पीकर कार्य आरंभ करें।
आराधनाःभगवान शंकर जी की आराधना करें।राहु काल: 07.30 से 9:00 तक.
दिशाशूल-पूर्व एवं अग्नेय
Posted By : Sumit Kumar Verma