Shani Ast 2025: साल 2025 में कई महत्वपूर्ण ग्रहों में परिवर्तन देखने को मिलेगा. कुछ ग्रह वक्री स्थिति में होंगे, जबकि अन्य मार्गी चाल में चलेंगे. शनि ग्रह नए वर्ष के पहले महीने में अपनी चाल में परिवर्तन कर रहा है. शनि ग्रह सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है और इसे न्याय का प्रतीक माना जाता है. शनि व्यक्ति के कर्मों के अनुसार फल प्रदान करता है. शनि का अस्त होना शुभ नहीं माना जाता है. इसे सकारात्मक प्रभाव देने वाला ग्रह माना जाता है, जो व्यक्ति की उन्नति में सहायक होता है. व्यापार में लाभ, कर्ज से मुक्ति और विवाह में आ रही समस्याओं का समाधान शनि के प्रभाव से संभव है. शनि व्यक्ति को विभिन्न प्रकार के राज योग प्रदान करते हैं. यदि जन्मकुंडली में शनि अनुकूल स्थिति में है, तो वह व्यक्ति को रंक से राजा बना सकता है. इस प्रकार, शनिदेव जीवन में अभिभावक की भूमिका निभाते हैं, अच्छे कर्म करने पर अच्छे फल देते हैं और बुरे कर्मों पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं. शनि मकर और कुम्भ राशि के स्वामी हैं.
शनि मकर और कुम्भ राशि के स्वामी हैं. वर्तमान में शनि कुम्भ राशि में संचरण कर रहे हैं, जो राशि चक्र में एकादश स्थान पर स्थित है. शनि तुला राशि में उच्च माने जाते हैं और मेष राशि में नीच. शनि के मित्र ग्रह बुध और शुक्र हैं, जबकि उनके शत्रु सूर्य, चंद्रमा और मंगल हैं.
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शनि का अस्त होना
शनिदेव 28 फरवरी 2025 को संध्या 07:05 बजे कुम्भ राशि में अस्त होंगे. अस्त होने के साथ ही शनि अपना राशि परिवर्तन करेंगे और पुनः 06 अप्रैल 2025 को उदय होंगे.
शनि के अस्त होने से इन राशियों को सतर्क रहना होगा
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए शनि दशम और एकादश भाव के स्वामी हैं. शनि आपके एकादश भाव में अस्त हो रहे हैं, जिससे परिवार में विवाद बढ़ सकता है और आय में कमी आ सकती है. बातचीत करते समय सावधानी बरतें और सामाजिक कार्यों में सोच-समझकर निर्णय लें. कुटुंब के सुख में कमी आ सकती है. जो लोग ऑनलाइन ट्रेडिंग कर रहे हैं, उन्हें सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि इस समय निवेश करने से भारी नुकसान हो सकता है.
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए शनि का संबंध सातवें और आठवें भाव से है. इस समय शनि आपके आठवें भाव में अस्त होंगे, जो कि सामान्यतः अनुकूल माना जाता है. हालांकि, इस स्थिति के कारण व्यापार और नौकरी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इस अवधि में लेन-देन से बचना उचित रहेगा, क्योंकि इससे आपके जीवन में विवाद उत्पन्न हो सकते हैं. कार्यालय की राजनीति से दूर रहकर अपने कार्य पर ध्यान केंद्रित करें. परिवार के सदस्यों के साथ भी मतभेद हो सकते हैं. स्वास्थ्य भी संतोषजनक नहीं रहेगा.
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए शनि छठे और सातवें भाव का स्वामी है. वर्तमान में शनि आपके सातवें भाव में अस्त हो रहे हैं, जो कि दांपत्य जीवन, व्यापार और पेट से संबंधित है. इस स्थिति के कारण पारिवारिक जीवन में तनाव उत्पन्न हो सकता है, और पत्नी के साथ संवाद में विवाद बढ़ सकता है, इसलिए बातचीत में सावधानी बरतें. व्यापार के संदर्भ में शनि का प्रभाव महत्वपूर्ण है, इस समय निवेश करने से बचें, क्योंकि इससे नुकसान हो सकता है. व्यापार में कठिनाइयों के कारण आर्थिक स्थिति भी प्रभावित होगी, जिससे कर्ज बढ़ सकता है.
मकर राशि
मकर राशि के जातक के लिए शनि पहले और दूसरे भाव का स्वामी होता है. मकर राशि का स्वामी शनि है, जो आपके दूसरे भाव में अस्त हो रहा है. दूसरा भाव परिवार और धन से संबंधित है. इस भाव में शनि के अस्त होने के कारण वाणी पर नियंत्रण रखना आवश्यक है. मानसिक और आर्थिक दोनों ही दृष्टियों से समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं. पारिवारिक विवाद बढ़ सकते हैं, इसलिए नौकरी में ध्यान केंद्रित करें और कार्य क्षेत्र को अनुकूल बनाए रखें.
जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847