Shani Gochar 2022: जल्द होने वाला है शनि का राशि परिवर्तन, इन राशि वालों की बदलने वाली है किस्मत
Shani Gochar 2022: 29 अप्रैल को शनि राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं.शनि देव 11 जुलाई 2022 तक इस स्थिति में रहेंगे.
Shani Gochar 2022 : शनि की दशा, अंर्तदशा, महादशा के साथ-साथ शनि की साढे़साती और ढैय्या का भी ज्योतिष शास्त्र में विशेष महत्व है. 29 अप्रैल को शनि राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं.शनि देव 11 जुलाई 2022 तक इस स्थिति में रहेंगे. शनि के इस गोचर (Shani Gochar 2022) का सभी राशियों पर व्यापक असर बताया जा रहा है.
ज्योतिष के अनुसार शनि को एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में करीब ढाई साल का समय लगता है. इसलिए शनि कुंभ राशि में लगभग 30 साल बाद गोचर करने जा रहे हैं. आइए जानते हैं उन राशियों के बारे में जिन पर शनि देव की विशेष कृपा रहेगी.
वृषभ (Taurus)
वृषभ राशि से संबंधित जातकों के लिए शनि का यह गोचर वरदान के समान साबित होगा. शनि देव की कृपा से इस राशि के लोगों की किस्मत बदेलगी और वे जीवन में खूब धन-दौलत और तरक्की हासिल करेंगे. नौकरी और व्यापार में भी जबरदस्त सफलता हासिल कर सकते हैं. नौकरी में प्रमोशन की भी संभावना है. बिजनेस में मुनाफा होगा. रुके हुए कार्य पूरे होंगे.
सिंह (Leo)
शनि के इस गोचर से सिंह राशि के जातकों की आर्थिक संवृद्धि होगा. जो लोग शनि के प्रकोप से विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रहे थे, उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होगा. इसके साथ ही आर्थिक तंगी भी दूर होगी और धन संचय करने में सफल होंगे. इस गोचर की अवधि में जो भी काम करेंगे, उसमें सफलता मिलेगी. किसी बड़ी कंपनी से नौकरी का प्रस्ताव मिल सकता है. विदेश यात्रा का भी योग है.
धनु राशि (Sagittarius)
आपके लिए शनि का गोचर शुभ फलदायी साबित हो सकता है. क्योंकि शनि देव आपके तीसरे भाव में गोचर करेंगे. जिसे पराक्रम और भाई- बहन का स्थान कहा जाता है. इसलिए इस दौरान आपके पराक्रम में वृद्धि हो सकती है. साथ ही इस समय गुप्त शत्रुओं का नाश होगा. साथ ही शनि के कुंभ राशि में गोचर करते ही धनु राशि वालों को शनि साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी. वहीं मान्यता है शनि जाते- जाते मालामाल करके जाते हैं. मतलब आपको प्रापर्टी या वाहन सुख मिल सकताहै. साथ ही इस समय आपको व्यापार में भी अच्छा धनलाभ हो सकता है.
शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए क्या करें?
शनि के प्रकोप से मुक्ति पाने के लिए चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि खास मानी जा रही है. इसे महा अष्टमी भी कहते हैं. इस दिन मां महागौरी की पूजा का विधान है. माना जाता है कि मां महागौरी की पूजा से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है. ऐसे में इस दिन दुर्गा चालीसा का पाठ करें. साथ ही शनि चालीसा और हनुमान चालीसा का भी पाठ करें. इसके अलावा शाम के समय पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं.