Rashifal, Navratri 2020: मां कालरात्रि पूजा आज, मेष, वृष, सिंह, कन्या, वृश्चिक, धनु का दिन होगा फलदायी, इनकी बढ़ेगी परेशानियां

Rashifal, Navratri 2020, Panchang, Aaj ka Rashifal, Aries to Pisces Rashi, 23 October : आज नवरात्रि 2020 का सातवां दिन है. इस दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. ऐसे में आइये जानते हैं सभी 12 राशियों आज का राशिफल. साथ ही साथ नजर डालते है आज के पंचांग, शुभ मुहूर्त, शुभ अंक, शुभ रंग व मां कालरात्रि के मंत्र समेत आज के पूजा विधि पर..

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 23, 2020 5:53 AM

Rashifal, Navratri 2020: मां कालरात्रि पूजा आज, मेष, वृष, सिंह, कन्या, धनु के लिए दिन होगा फलदायी

Rashifal, Navratri 2020, Panchang, Aaj ka Rashifal, Aries to Pisces Rashi, 23 October : आज नवरात्रि 2020 का सातवां दिन है. इस दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. ऐसे में आइये जानते हैं सभी 12 राशियों आज का राशिफल. साथ ही साथ नजर डालते है आज के पंचांग, शुभ मुहूर्त, शुभ अंक, शुभ रंग व मां कालरात्रि के मंत्र समेत आज के पूजा विधि पर..

आज का पंचांग

शुद्ध आश्विन शुक्ल पक्ष सप्तमी दिन- 12:09 उपरांत अष्टमी

श्री शुभ संवत -2077, शाके-1942, हिजरी सन 1441- 42

सूर्योदय-06:22

सूर्यास्त -05:38

सूर्योदय कालीन नक्षत्र- पूर्वाषाढ़ा उपरांत उत्तराषाढ़ा, सुकर्मा -योग, व -करण

सूर्योदय कालीन ग्रह विचार- सूर्य -तुला, चंद्रमा- धनु, मंगल- मीन, बुध- तुला, गुरु- धन, शुक्र -कन्या, शनि- धनु, राहु, वृष, केतु- वृश्चिक

आज का शुभ मुहूर्त

प्रात: 06:00 से 07:30 तक चर

प्रातः 07:30 से 09:00 तक लाभ

प्रातः 09:00 से 10:30 बजे तक अमृत

प्रातः10:30 बजे से 12:00 बजे तक काल

दोपहरः 12:00 से 01:30 बजे तक शुभ

दोपहरः 01:30 से 03:00 बजे तक रोग

दोपहरः 03:00 से 04:30 बजे तक उद्वेग

शामः 04:30 से 06:00 तक चर

उपायःनवरात्र में माता दुर्गाजी को शहद को भोग लगाने से भक्तो को सुंदर रूप प्राप्त होता है व्यक्तित्व में तेज प्रकट होता है।

आराधनाःॐ सौम्यरुपाय विद्महे वाणेशाय धीमहि तन्नौ सौम्यः प्रचोदयात् ॥

खरीदारी के लिए शुभ समयःदोपहरः12:00 से 01:30 बजे तक लाभ

राहु काल:10:30 से 12:30 बजे तक.

दिशाशूल-नैऋत्य एवं पश्चिम

मां कालरात्रि (Kalratri Mantra)

च्मंत्र : ॐ देवी कालरात्र्यै नमः॥

प्रार्थना

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।

लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥

वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा।

वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥

स्तुति

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

Posted by : Sumit Kumar Verma

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