Super Moon 2020: इस साल 2020 का आखिरी सुपरमून (Supermoon) कल 7 मई को दिखेगा. कल ही वैशाख मास की बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) भी है. कल सुपरमून शाम 4:15 बजे अपने पूरे प्रभाव में दिखाई देगा. इस बार सुपरमून भारत में नहीं देखा जा सकता है. क्योंकि भारत में शाम सवा चार बजे उजाला रहता है. इसलिए यहां के लोग इस सुपर फ्लॉवर मून (Super Flower Moon) का नजारा नहीं देख पायेंगे. 2020 का अंतिम सुपरमून (सुपर फ्लॉवर मून) शाम 4:15 बजे भारत में दिखाई देगा, उस समय आकाश में उजाला रहेगा. हालांकि ऑनलाइन वेबसाइटों पर इसे आराम से घर बैठे लाइव देखा जा सकेगा. सुपरमून इससे पहले अप्रैल में दिखाई दिया था और इसे सुपर पिंक मून कहा गया.
कल धरती के सबसे करीब चंद्रमा होंगे. विज्ञान के अनुसार एक सुपरमून ऑर्बिट पृथ्वी के सबसे करीब होता है. हमारे ग्रह यानी पृथ्वी के ज्यादा नज़दीक होने के कारण, चंद्रमा बहुत बड़ा और चमकीला दिखाई देता है. 7 मई (कल) को दिखाई देने वाला सुपरमून हमारे ग्रह से 3,61,184 किलोमीटर दूर बताया जा रहा है और आमतौर पर पृथ्वी और चंद्रमा के बीच औसत दूरी 384,400 किलोमीटर की होती है. ये जरूरी नहीं है कि हर पूर्णिमा के दिन सुपरमून होता है. हमें पूरा चंद्रमा तब भी दिखाई दे सकता है, जब वह हमारे ग्रह से अधिक दूरी पर स्थित हो.
परंपरागत रूप से फुल मून का नाम अमेरिकी मौसमों, फूलों और क्षेत्रों के नाम पर रखा गया है, जो पहली बार Maine Farmer’s Almanac में प्रकाशित हुए थे. प्रकाशन के अनुसार, उत्तरी अमेरिका में एलगोनक्विन जनजाति ने मई के पूर्णिमा (जो वसंत के मौसम की दूसरी पूर्णिमा भी है) का नाम फ्लॉवर मून इसलिए रखा, क्योंकि साल के इस समय के आसपास बेहद बड़ी संख्या में फूल खिलते हैं. इस महीने की पूर्णिमा के अन्य नामों में कॉर्न प्लांटिंग मून और मिल्क मून भी शामिल है.
इस साल का यह अंतिम सूपर मून है, इसलिए इस अवसर को छोड़ना नहीं चाहिए, चन्द्रमा के पेरीगी स्तिथि में पहुंचने के ठीक 19 घंटे और 45 मिनट के बाद दोपहर 4:15 पर चन्द्रमा की पूर्णिमा की अवस्था आएगी. इसलिए हमें सुपर मून को देखने के लिए गुरुवार की रात का इंतजार करना होगा. पारंपरिक रूप से मई पूर्णिमा को दूधिया चंद्रमा यानी मिल्क मून कहा जाता है. वहीं, इस साल इसे सुपर मिल्क मून कहा जाएगा क्योंकि ये पूर्णिमा के दिन दिखाई देने वाला सुपरमून होगा.