Surya Gochar 2023: सूर्य का धनु राशि में गोचर इन 7 राशि वालों के लिए खास, 2024 से पहले तरक्की के योग
Surya Gochar 2023: ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रह को 12 राशियों का चक्र पूरा करने में एक वर्ष का समय लगता है और यह सिर्फ मार्गी अवस्था में चलते हैं. सूर्य कभी वक्री नहीं होते हैं. राशि चक्र में सूर्य देव को सिंह राशि पर आधिपत्य प्राप्त हैं और यह मेष राशि में उच्च जबकि तुला राशि में नीच के होते हैं.
Surya Gochar 2023: भगवान सूर्य धनु राशि में गोचर करने जा रहे है. सूर्य का गोचर 16 दिसंबर 2023 दिन शनिवार को दोपहर 03 बजकर 47 मिनट पर धनु राशि में होगा, इस दिन से खरमास शुरू हो जाएगा. इस दिन को धनु संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन से शादी-विवाह समेत सभी प्रकार के शुभ कार्यों पर रोक लग जाएगी. ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रह को 12 राशियों का चक्र पूरा करने में एक वर्ष का समय लगता है और यह सिर्फ मार्गी अवस्था में चलते हैं. सूर्य कभी वक्री नहीं होते हैं. राशि चक्र में सूर्य देव को सिंह राशि पर आधिपत्य प्राप्त हैं और यह मेष राशि में उच्च जबकि तुला राशि में नीच के होते हैं. वैदिक ज्योतिष में धनु राशि को राशिचक्र में नौवां स्थान प्राप्त है, जो कि उग्र स्वभाव, दोहरी प्रकृति वाली पुरुष राशि है. धनु राशि का प्रतीक चिन्ह धर्म, ज्ञान, आस्था, वेद, सत्य, भाग्य, पिता, गुरु, मोटिवेशनल स्पीकर, राजनेता, बुद्धि और सौभाग्य का प्रतिनिधित्व करता है. आइए जानते है सूर्य गोचर का सभी राशियों पर कैसा प्रभाव रहेगा.
मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य आपके पांचवें भाव के स्वामी हैं. अब 16 दिसंबर 2023 को आपके नौवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं. कुंडली में नौवां भाव धर्म, पिता, गुरु, लंबी यात्राओं, तीर्थस्थल और भाग्य आदि का भाव है. इस दौरान आपका झुकाव अध्यात्म में होगा और आप धार्मिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे. मेष राशि के जातक अपने रिलेशनशिप को दुनिया के सामने लाने के लिए रोका या सगाई आदि करने की योजना बना सकते हैं. धर्म गुरु, राजनेता और मोटिवेशनल स्पीकर, काउंसलिंग से जुड़े लोगों और टीचर्स आदि को सूर्य गोचर की अवधि में नाम और प्रसिद्धि की प्राप्ति होगी.
वृषभ राशि वालों के लिए सूर्य देव आपके चौथे भाव के स्वामी हैं. अब सूर्य आपके आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं, जो कि दीर्घायु, अचानक से होने वाली घटनाओं और गूढ़ विज्ञान आदि का भाव है. आठवें भाव में सूर्य के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है, क्योंकि सूर्य हमारी आत्मा, आत्मविश्वास और रोग प्रतिरोधक क्षमता आदि के कारक हैं. आपको अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा. वृषभ राशि वालों के लिए सूर्य आपके चौथे भाव के स्वामी हैं. चौथे भाव के स्वामी का आठवें भाव में जाना आपके घरेलू जीवन में परेशानियां लेकर आ सकता है. इस अवधि में माता के साथ आपके रिश्ते बिगड़ सकते है.
मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य आपके तीसरे भाव के स्वामी हैं. सूर्यदेव आपके सातवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं. कुंडली में सातवां भाव विवाह और पार्टनरशिप का भाव है. मिथुन राशि वालों के लिए सूर्य एक मित्र ग्रह है, लेकिन फिर भी सूर्य का सातवें भाव में गोचर आपके वैवाहिक जीवन के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि सूर्य उग्र ग्रह है और यह अहंकार का प्रतिनिधित्व करता है. आपको साथी के साथ बहस करने से बचना होगा. सूर्य का तुला राशि में गोचर बिज़नेस पार्टनरशिप के लिए अच्छा है. आप अपने भाई-बहनों के साथ मिलकर नए व्यापार की शुरुआत कर सकते हैं.
कर्क राशि वालों के लिए सूर्य आपके दूसरे भाव के स्वामी हैं. सूर्यदेव आपके छठे भाव यानी कि शत्रु, स्वास्थ्य, प्रतियोगिता और मामा आदि के भाव में गोचर करने जा रहे हैं. कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य मित्र ग्रह है, लेकिन छठे भाव में सूर्य का गोचर आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है. सूर्य का धनु राशि में गोचर अनुकूल नहीं रहने की आशंका है. आपको आंखों की रोशनी, दिल और हड्डियों आदि से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. सूर्य गोचर के सकारात्मक पक्ष की बात करें तो, कर्क राशि के जो छात्र सरकारी नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए यह समय अच्छा रहेगा.
सिंह राशि वालों की कुंडली में सूर्य आपके लग्न भाव के स्वामी हैं. सूर्य आपके पांचवें भाव में गोचर करेंगे. कुंडली में पांचवां भाव शिक्षा, प्रेम संबंध और संतान आदि का प्रतिनिधित्व करता है. इस अवधि में पांचवें भाव से संबंधित मामलों में पूरी तरह से समर्पित नज़र आएंगे. वहीं, सूर्य का गोचर इस राशि के छात्रों के लिए भी अच्छा रहेगा. शादीशुदा जातक जो परिवार को बढ़ाना चाहते हैं, उन्हें इस अवधि में शुभ समाचार सुनने को मिलेगा. आपको अहंकार के कारण विवाद और मतभेदों का सामना करना पड़ेगा. पांचवें भाव से सूर्य की दृष्टि आपके इच्छाओं और धन लाभ के भाव यानी कि ग्यारहवें भाव पर होगी, जिससे धन हानि होने की संभावना है.
कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य आपके बारहवें भाव के स्वामी हैं, जो आपके चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं. कुंडली में चौथा भाव घरेलू जीवन, माता, भूमि, घर और वाहन आदि का भाव है. आपको चौथे भाव से संबंधित मामलों में काफ़ी धन ख़र्च करना पड़ सकता है, जैसे आप नया घर या नया वाहन आदि खरीद सकते हैं. यदि कुंडली में दशा अनुकूल नहीं हुई तो आपकी माता का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है. सूर्य के दसवें भाव पर प्रभाव के चलते पब्लिक और कार्यक्षेत्र में आप आत्मविश्वास से भरे रहेंगे और इसके परिणामस्वरूप, आपको वरिष्ठों तथा उच्च अधिकारियों का समर्थन प्राप्त होगा.
तुला राशि के जातकों के लिए सूर्य आपके ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं. सूर्य आपके तीसरे भाव में गोचर करेंगे. कुंडली में तीसरा भाव साहस, भाई-बहन और छोटी दूरी की यात्राओं आदि का प्रतिनिधित्व करता है. तुला राशि वालों के लिए सूर्य का धनु राशि में गोचर फलदायी रहेगा, इस अवधि के दौरान आप आत्मविश्वास से भरे रहेंगे और आपकी वाणी की शैली आधिकारिक और आदेशात्मक रहेगी. ग्यारहवें भाव के स्वामी के रूप में सूर्य का तीसरे भाव में गोचर से आप अपने रुचियों को पूरा करने में सक्षम होंगे और धन जुटाने में भी सफल रहेंगे. आपको अपने पिता या गुरु का सहयोग और आशीर्वाद दोनों प्राप्त होगा.
वृश्चिक राशि के जातकों की कुंडली में सूर्य महाराज दसवें भाव के स्वामी हैं. सूर्य आपके परिवार के भाव यानी कि दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं. सूर्य का धनु राशि में गोचर वृश्चिक राशि वालों के लिए अत्यंत शुभ रहने वाला है, इस गोचर के दौरान आपको परिवार का पूरा साथ मिलेगा. इस राशि के जो जातक काम के सिलसिले में अपने घर-परिवार से दूर रहते हैं, वह सूर्य का धनु राशि में गोचर के दौरान अपने परिवार से मिलने के लिए जा सकते हैं. सूर्य का धनु राशि में गोचर की अवधि में आपको सलाह दी जाती है कि इस दौरान अपना आपा न खोएं और किसी भी व्यक्ति के साथ विवाद में पड़ने से बचें.
धनु राशि वालों के लिए सूर्य देव आपके नौवें भाव के स्वामी हैं. सूर्य आपके लग्न भाव में गोचर करने जा रहे हैं. धनु राशि के जातक के लिए सूर्य का धनु राशि में गोचर अनुकूल रहेगा. क्योंकि यह आपके जीवन में सौभाग्य लेकर आएगा. आपके लग्न भाव में सूर्य की मौजूदगी आपको अच्छा स्वास्थ्य और मज़बूत आत्मविश्वास प्रदान करेगी. आपको अपने गुस्से और अहंकार को लेकर सावधान रहना होगा. सूर्य का गोचर आपके वैवाहिक जीवन के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता है. आपके पार्टनर के साथ आपकी बहस और मतभेद होने की आशंका है, जो जातक विवाह करना चाहते हैं, उन्हें इस अवधि में योग्य जीवनसाथी मिल सकता है और सगाई के रूप में आपका रिश्ता भी पक्का होने का योग है.
मकर राशि के जातक की कुंडली में सूर्य आपके आठवें भाव के स्वामी हैं. सूर्य आपके बारहवें भाव में गोचर करेंगे. कुंडली में बारहवां भाव विदेश, अलगाव, अस्पताल, विदेशी कंपनियों जैसे एमएनसी आदि का प्रतिनिधित्व करता है. सूर्य आठवें भाव के स्वामी के रूप में बारहवें भाव में प्रवेश करेंगे और विपरीत राजयोग का निर्माण करेंगे, जिससे आप जीवन में चल रही मुश्किलों पर काबू पाते हुए परिस्थितियों को अपने पक्ष में करने में सफल होंगे. सूर्य का यह गोचर मकर राशि वालों के लिए मिले-जुले परिणाम लेकर आएगा. इस अवधि में अपनी सेहत को लेकर बहुत सावधान रहना होगा. क्योंकि ख़राब स्वास्थ्य की वजह से आपके अस्पताल में भर्ती होने की प्रबल योग है. सेहत के प्रति लापरवाही आप पर भारी पड़ सकती है.
कुंभ राशि वालों के लिए सूर्य ग्रह आपकी कुंडली में सातवें भाव के स्वामी हैं. सूर्य देव आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं, जो कि धन लाभ, मनोकामना, बड़े भाई-बहन और चाचा आदि का भाव है. कुंभ राशि के जातक के लिए सूर्य को शत्रु ग्रह माना जाता है, लेकिन सूर्य का धनु राशि में गोचर आपके लिए बुरा नहीं कहा जा सकता है. क्योंकि सूर्य आपको बड़े भाई-बहनों और आपके चाचा का साथ भी दिलवाने का काम करेगा. जिन जातकों का विवाह हो चुका है, वह इस अवधि में अपनी भौतिक इच्छाओं को पूरा करने में काफ़ी पैसा ख़र्च करते हुए दिखाई दे सकते हैं. यह अवधि कुंभ राशि के छात्रों के लिए फलदायी साबित होगी. सूर्य का धनु राशि में गोचर आपके प्रेम जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है.
मीन राशि वालों के लिए सूर्य देव आपके छठे भाव के स्वामी हैं. सूर्य देव आपके दसवें भाव में गोचर करेंगे. कुंडली में दसवां भाव नाम, प्रसिद्धि और करियर का भाव है. मीन राशि वालों के लिए सूर्य का धनु राशि में गोचर अच्छा कहा जाएगा. क्योंकि दसवें भाव में सूर्य को दिग्बल प्राप्त होता है, जो जातक अपने करियर की शुरुआत करेंगे, वह परीक्षा और साक्षात्कार दोनों को सफलतापूर्वक पार सकेंगे. इस राशि के जो जातक सरकारी नौकरी करते हैं या फिर सरकार के लिए काम करते हैं, उन्हें इस दौरान सरकार का सहयोग मिलेगा. दसवें भाव में बैठे सूर्य की दृष्टि आपके घरेलू जीवन, माता, घर और वाहन के भाव अर्थात चौथे भाव पर होगी. सूर्य का धनु राशि में गोचर के दौरान परिवार के सदस्यों के साथ अहंकार के टकराव होने की वजह से घर-परिवार का माहौल बिगड़ सकता है.
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