Surya Grahan 2024: लगने जा रहा सूर्यग्रहण, इन राशियों पर पड़ेगा दुष्प्रभाव

Surya Grahan 2024: साल का दूसरा सूर्यग्रहण 2 अक्टूबर 2024 को लगने जा रहा है. आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य डॉ एन के बेरा से कि सूर्य ग्रहण कब लगने जा रहा है और किन राशियों पर इसका दुष्प्रभाव पड़ेगा

By Shaurya Punj | September 30, 2024 7:05 AM

Surya Grahan 2024:  साल का दूसरा और आखिरी सूर्यग्रहण आने वाले 2 अक्टूबर को लगने जा रहा है. पंचांग के अनुसार इस दिन आश्विन अमावस्या रहेगी. साथ ही महालया और पितृ पक्ष का अंतिम श्राद्ध भी रहेगा. आइए जानें  ज्योतिषाचार्य डॉ एन के बेरा से  इस ग्रहण से राशियों पर क्या प्रभाव होगा

कब लगेगा साल का आखिरी सूर्यग्रहण ?

2 अक्टूबर 2024,बुधवार कंकणाकृत सूर्य ग्रहण के दिन कन्या राशि में सूर्य,बुध,चन्द्रमा और केतु,कन्या राशि में,देवगुरू बृहस्पति वृष राशि में,ग्रहों के सेनापति मंगल मिथुन राशि में,शनि कुंभ राशि में,शुक्र तुला राशि में,राहु मीन राशि में है.यह बलयग्रास सूर्यग्रहण कन्या राशि हस्त नक्षत्र नक्षत्र में लग रहा है.

क्या भारत में नजर आएगा सूर्यग्रहण ?

हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन इसका सूतक काल भी यहां मान्य नहीं होगा. धार्मिक दृष्टि से ग्रहण को अशुभ माना जाता है, इसलिए इस दौरान धार्मिक अनुष्ठान और शुभ कार्य वर्जित होते हैं. इसके अलावा ग्रहण के दौरान बाहर जाना, खाना बनाना, खाना और सोना जैसी गतिविधियां भी सख्त वर्जित होती हैं.

सूर्यग्रहण का पड़ेगा राशियों पर प्रभाव

सूर्यग्रहण का प्रभाव 12 राशियों पर पड़ेगा लेकिन इसका विशेष अशुभ प्रभाव मेष,मिथुन,कर्क,वृश्चिक,मीन राशि वाले जातकों को विशेष संभलकर रहने की जरूरत है.इन राशि वाले जातकों को सम्भल कर रहना होगा.

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सूर्यग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए उपाय

इन्हें स्वास्थ्य,रोजगार-व्यवसाय,कर्मक्षेत्र,ऑफिस तथा आर्थिक पक्ष में विपरीत प्रभाव पड़ सकता है.अशुभ प्रभाव निवारण के लिए अपने इष्टदेव या भगवान शिवजी का ध्यान करें.नमः शिवाय मंत्र का जप करें

गर्भवती महिलाएं रखें ख्याल

इसके अलावे वृषभ,मकर,कुंभ,सिंह,कन्या राशि के लिए शुभ है.उन सबका,विशेषकर गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय विशेष सावधानी रखनी चाहिए.ग्रहण काल में भोजन,शयन,मूर्ति स्पर्श,हास्य-विनोद का निषेध है. ग्रहण स्पर्श के समय स्नान,ग्रहण मध्य में मंत्र जप करें.ग्रहण मोक्ष होने पर पुनः स्नान करें.तथा यथा शक्ति दान करें.अशुभ प्रभाव निवारण के लिए आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ,बजरंग वाण तथा महामृत्युजंय मंत्र का जप करें.

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