Grahan in October 2023: इसी अक्टूबर लगेगा सूर्यग्रहण के अलावा चंद्रग्रहण भी, जानें कितने दिनों का होगा अंतर
Grahan in October 2023: इसी महीने यानी अक्टूबर 2023 में सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण दोनों लगने जा रहे हैं. सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को है। वहीं 28 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण है। यह एक वलयाकार सूर्यग्रहण होगा। इसके कारण आसमान में एक आग की रिंग दिखाई देगी.
Grahan in October 2023: साल का पहला सूर्यग्रहण व पहला चंद्रग्रहण लग चुका है. अब इसी महीने यानी अक्टूबर 2023 में सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण दोनों लगने जा रहे हैं. सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को है। वहीं 28 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण है. यह एक वलयाकार सूर्यग्रहण होगा. इसके कारण आसमान में एक आग की रिंग दिखाई देगी.
साल 2023 का दूसरा सूर्य ग्रहण (Second Solar Eclipse of 2023 Date and time)
साल 2023 का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को लगेगा. यह ग्रहण भारतीय समयानुसा रात 8 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 2.25 बजे तक रहेगा. यह सूर्य ग्रहण भी भारत में नहीं दिखाई देगा. इसलिए इसमें भी सूतक नहीं लगेगा. यह ग्रहण पश्चिमी अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक और आर्कटिक में देखा जा सकेगा.
रिंग के आकार जैसी आकृति आएगी नजर
14 अक्टूबर को दिखने वाला सूर्यग्रहण वलयाकार होगा। इस स्थिति में चंद्रमा धरती से काफी दूर होते हुए भी सूर्य के बीच में आता है। यह ग्रहण पूर्ण सूर्यग्रहण के विपरीत होता है। इस स्थिति में यह सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढकता है। इसके कारण आसमान में एक रिंग जैसी आकृति बन जाती है। यह सूर्य का अंग होती है इसलिए यह एकदम अलग नजर आती है।
सूतक लागू होगा या नहीं
चूंकि भारत में ये सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक के नियम भी यहां लागू नहीं होंगे. सूतक के नियम वहीं मान्य होते हैं, जहां ग्रहण दिखाई पड़ता है. सूतक काल ग्रहण के पहले का वो अशुभ समय है जिसमें पृथ्वी का वातावरण हानिकारक किरणों के कारण प्रदूषित हो जाता है.
साल 2023 का दूसरा चंद्र ग्रहण (Second Lunar Eclipse of 2023 Date and time)
साल का आखिरी और दूसरा चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर 2023 को लगेगा. यह ग्रहण दोपहर 1 बजकर 06 मिनट से शुरू होकर दोपहर 2 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा. यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जो भारत में दिखाई देगा. इसलिए सूतक काल भी मान्य होगा. यह यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, नॉर्थ अमेरिका, उत्तर व पूर्व दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक महासागर, हिन्द महासागर, अंटार्कटिका में भी दिखेगा.
साल का दूसरा चंद्रग्रहण कहां दिखेगा
चंद्र ग्रहण की बात करें तो इसे भारत (India) से देखा जा सकता है. यह ग्रहण यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, नॉर्थ अमेरिका, साउथ अमेरिका का ज्यादातर हिस्सा, पेसिफिक, अटलांटिक, हिंद महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका से चंद्र ग्रहण देखा जा सकेगा. यह ग्रहण 29 अक्टूबर, रविवार 1:06 एएम से दिखना शुरू होगा और 2:22 एएम पर समाप्त हो जाएगा.
कितने प्रकार के होते हैं चंद्रग्रहण
सरल शब्दों में कहें तो चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है जो तब होती है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है। पृथ्वी सूर्य के प्रकाश को चन्द्रमा की सतह तक पहुंचने से रोकती है. इस घटना को चंद्रग्रहण कहा जाता है। यह पूर्णिमा के दिन होता है. चंद्र ग्रहण तीन प्रकार का होता है- पूर्ण चंद्र ग्रहण, आंशिक चंद्र ग्रहण और उपच्छाया चंद्र ग्रहण. पेनुमब्रल या उपच्छाया चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य के प्रकाश को अस्पष्ट करते हुए चंद्रमा और सूर्य के बीच से गुजरती है और चंद्रमा की सतह पर एक छाया डालती है.
चंद्र ग्रहण के दौरान कौन से काम नहीं करने चाहिए
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चंद्र ग्रहण के दौरान भगवान की मूर्ति को स्पर्श न करें.
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पूजा-पाठ न करें.
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चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन करने से बचें. (बच्चे, बीमार, और बुजुगों के लिए यह मान्य नहीं)
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इस दौरान सोने से बचें, जितना हो सके मन में अपने ईष्ट का नाम जपें.
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गर्भवती महिलाएं ग्रहण के दौरान घर से बाहर न निकलें.
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गर्भवती महिलाएं चाकू, छुरी, कैंची जैसी नुकीली चीजों का प्रयोग न करें.
Chandra Grahan 2023: चंद्र ग्रहण समाप्त होने पर करें ये काम
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चंद्र ग्रहण के दौरान निकलने वाली किरणों का इंसानों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. ऐसे में, ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान अवश्य करना चाहिए. यदि संभव को तो नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगा जल भी मिला कर स्नान करें.
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ग्रहण की समाप्ति के बाद पूरे घर में गंगा जल का छिड़काव करें. साथ ही घर के पूजा स्थल के पास और उसके अंदर गंगा जल का छिड़काव अवश्य करें. इससे नकारात्मकता दूर होता है और घर शुद्ध हो जाता है.
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धार्मिक मान्यता के अनुसार ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिए गाय को रोटी खिलाएं.
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ग्रहण समाप्त होने के बाद कुछ दान अवश्य करें.
कब लगता है पूर्ण चंद्र ग्रहण
सूर्य ग्रहण की तरह चंद्र ग्रहण भी तीन तरह के होते हैं. पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाती है और चंद्रमा पृथ्वी के चक्कर लगाता है. इस बीच ऐसा समय आता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीध में होते हैं. पृथ्वी चंद्रमा को पूरी तरह से ढक लेती है. इसके कारण चंद्रमा पर सूर्य की रोशनी नहीं आ पाती. इसे पूर्ण चंद्र ग्रहण कहते हैं. ज्योतिष के अनुसार पूर्ण चंद्र ग्रहण सबसे प्रभावशाली माना जाता है.