सोना पहनने से दांपत्य जीवन होता है खुशहाल, जानें इसका आध्यात्मिक महत्व

पीएन चौबे प्राचीन काल से ही सोने का अाध्यात्मिक महत्व सर्वाधिक है. सामूहिक चेतना के माध्यम से अपनी वास्तविकता के निर्माण में हमने इस धातु को कुछ भी करने की शक्ति दी है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार स्वर्ण मां लक्ष्मी का प्रतीक है, जिसका आदर पूरे विश्व में अन्य कारणों से सर्वाधिक है. साल के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2017 2:01 PM
पीएन चौबे
प्राचीन काल से ही सोने का अाध्यात्मिक महत्व सर्वाधिक है. सामूहिक चेतना के माध्यम से अपनी वास्तविकता के निर्माण में हमने इस धातु को कुछ भी करने की शक्ति दी है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार स्वर्ण मां लक्ष्मी का प्रतीक है, जिसका आदर पूरे विश्व में अन्य कारणों से सर्वाधिक है. साल के अति शुभ मुहूर्त धनत्रयोदशी, अक्षय तृतीया एवं विजयादशमी के दिन इसे खरीदना अति शुभ है.
स्वर्ण का महत्व अाध्यात्मिक ही नहीं बल्कि आर्थिक और स्वास्थ्य आदि के क्षेत्र में भी है. यदि हम सोने की प्रतीकात्मक और अाध्यात्मिक शक्तियों पर विचार करें, तो यह बाजार के लिए भंडारण एवं मौद्रिक मूल्यों के समायोजन से ज्यादा सौभाग्य लाती है. जाहिर है कि विशाल बहुमत वाले मानव मस्तिष्क में सोने को तुरंत धन अथवा वित्तीय मूल्यांकन के उच्चतम स्तर पर देखा जाता है. हमारी चेतना ने भी इस तत्व को सर्वाधिक महत्व का घोर आपदाओं में साथ निभाने वाला एक चिरसंगी बनाया है. लक्ष्मी का रूप होने के चलते हमने अपने मंदिरों को सोने से सजाया है.
स्वर्ण का ज्योतिषीय महत्व
सोना ग्रहों के राजा सूर्य का प्रतिनिधि धातु हैं, इसलिए इसे पहनने से सूर्य एवं गुरु दोनों की कृपा बनी रहती है़ पहनने से दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है़ संंतान की प्राप्ति होती है. सर्दी-जुकाम आदि रोगों में लाभ पहुंचता है. सोने की बालियां या झुमका पहनने से स्त्री रोग, कान के रोग तथा अवसाद में लाभ होता है. हृदय रोगों में भी यह सर्वाधिक लाभकारी है. सरकारी कर्मचारी को राज पक्ष से सहयोग दिलाता है और विद्यार्थियों को पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करता है. ज्योतिष जगत में छह राशियां सूर्य की और छह राशियां शनि को की होती हैं.
सूर्य की छह राशियां क्रमश : मेष, कर्क, सिंह, वृष, धनु और मीन हैं. मेष लग्न में यह संतान सुख और भाग्य को बढ़ाने वाला होता है. वृष लग्न में सुख स्थान का स्वामी होने के कारण घर और वाहन का सुख मिलता है. कर्क लग्नवालों के लिए धनदायक परिवार में बढ़ोतरी, तो सिंह लग्न में सोना पहनने से हर प्रकार का लाभ मिलता है, क्योंकि इसका स्वामी सूर्य है. अगर आप वृश्चिक लग्न के हैं, तो स्वर्ण धारण करने से कार्य स्थल या राज पक्ष में सफलता मिलती है. धनु लग्न वालों के लिए सोना पहनना किस्मत का धनी बनाता है तथा अध्यात्म में रुचि और विदेश यात्रा की संभावना देता है. कुंभ लग्न में दांपत्य का स्वामी होने के चलते यह दांपत्य सुख में वृद्धि करता है.
सोने का इस्तेमाल करते समय इन बातों का ध्यान रखें
सोने का आभूषण कमर के नीचे नहीं पहनना चाहिए.
चूंकि सोना सूर्य का रत्न है इसलिए स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर इसे नहीं पहनें.
जिन लोगों का वजन ज्यादा हो या पेट बाहर निकला हो वे इसे धारण नहीं करें.
क्रोधी और अधेड़ लोग इसे धारण नहीं करें, क्योंकि सूर्य अग्नि तत्व का ग्रह है.
गर्भवती महिलाएं अधिक साेना नहीं पहनें.
चूंकि यह सूर्य का रत्न है और सूर्य सर्वाधिक पवित्रता पसंद करते हैं इसलिए इसे धारण कर शराब और मांसाहार का सेवन नहीं करें.
सोने को तकिया के नीचे नहीं रखें. ऐसा करने से समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.

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