बोधकथा : विषय की पूरी जानकारी के बिना न करें टिप्पणी

एक बार एक 26 साल का लड़का और उसका पिता रेलगाड़ी में सफ़र कर रहे थे. वह लड़का बार-बार खिड़की से झांक रहा था और बाहर देखते हुए पेड़ पौधों को देखकर जोर-जोर से चिल्ला रहा था और हंस रहा था. पास ही में एक शादी-शुदा जोड़ा बैठा थे वह यह सब देखकर हंस रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2017 7:47 AM

एक बार एक 26 साल का लड़का और उसका पिता रेलगाड़ी में सफ़र कर रहे थे. वह लड़का बार-बार खिड़की से झांक रहा था और बाहर देखते हुए पेड़ पौधों को देखकर जोर-जोर से चिल्ला रहा था और हंस रहा था. पास ही में एक शादी-शुदा जोड़ा बैठा थे वह यह सब देखकर हंस रहे थे.

तभी उस 26 साल के लड़के के पिता ने अपने बेटे से कहा- देखो बेटा…. बाहर असमान में बादलों को देखो वह भी हमारे साथ दौड़ लगा रहे हैं. यह पागलपन देखकर उस शादी-शुदा जोड़े को सहन नहीं हुआ और वह उस लड़के के पिता से बोल बैठे ! आप अपने बेटे को किसी डॉक्टर को क्यों नहीं दिखाते ?

यह सुनकर उस लड़के के पिता ने उत्तर दिया ! हां , हम डॉक्टर के पास से ही आ रहे हैं . दरअसल मेरा बेटा जन्म के समय से ही देख नहीं सकता था पर आज उसके आंखों के सफल ऑपरेशन के कारण वह देख पा रहा है और आज वह बहुत खुश है.

हमें इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि किसी भी व्यक्ति के विषय में पूरी जानकारी न होने पर उसके विषय में टिप्पणी करना गलत है.

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