मकर संक्रांति आज, कल भी पुण्यकाल: आज सूर्य का दिन, इसलिए मकर संक्रांति का पर्व खास
रांची : आज मकर संक्रांति का पर्व मनाया जायेगा. श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगायेंगे. आज गंगा स्नान का काफी महत्व है. लोग दान पुण्य करेंगे. पुण्य काल दिन के 1.44 बजे है. रविवार को मकर संक्रांति पड़ने के कारण इसका महत्व बढ़ गया है. आज यानी रविवार को सूर्य भगवान की पूजा-अर्चना का खास महत्व […]
रांची : आज मकर संक्रांति का पर्व मनाया जायेगा. श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगायेंगे. आज गंगा स्नान का काफी महत्व है. लोग दान पुण्य करेंगे. पुण्य काल दिन के 1.44 बजे है. रविवार को मकर संक्रांति पड़ने के कारण इसका महत्व बढ़ गया है. आज यानी रविवार को सूर्य भगवान की पूजा-अर्चना का खास महत्व होता है. इस दिन प्रदोष मिलने से रवि प्रदोष का भी संयोग बन रहा है. हालांकि वाराणसी पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति कल (सोमवार) है. रविवार रात को संक्रमण काल होने के कारण इसका पुण्य काल अगले दिन तक है, क्योंकि रात आठ बजे से संक्रांति का पुण्यकाल लग रहा है.
मिथिला पंचांग के अनुसार
मिथिला पंचांग के अनुसार आज मकर संक्रांति है. पंडित कपिलदेव मिश्र ने कहा कि पुण्यकाल दिन के 12 बजे के बाद लग रहा है, इसलिए यह सुबह से ही मान्य होगा. इसी दिन स्नान ध्यान कर भगवान को तिल-गुड़ आदि अर्पित किया जाता है. भगवान से मंगल कामना के लिए प्रार्थना की जाती है. लोग दान-पुण्य करते हैं. सोमवार को नरक निवारण चतुर्दशी है. इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा होगी.
स्नान और दान का विशेष महत्व
मकर संक्रांति के दिन गंगा नदी में स्नान और दान का विशेष महत्व है. संक्रांति के स्नान को महास्नान माना जाता है. इस दिन प्रयाग में स्नान ध्यान का विशेष महत्व है. यहां पर माघ का मेला भी लगता है. भगवान सूर्य के अलावा गायत्री मंत्र के जाप का भी विशेष महत्व है. इस दिन भगवान को खिचड़ी का भोग लगा कर प्रसाद स्वरूप इसे ग्रहण किया जाता है .
बाजारों में रही चहल पहल
बाजारों में चहल पहल रही. चूड़ा, तिलकुट, लाई और मिठाई की दुकानों में भीड़ जुटी. चौक-चाैराहे गुलजार रहे. चूड़ा की कीमत 30 से 125 रुपये किलो तक है. वहीं गुड़ 35 से 42 रुपये किलो की दर से बिक रहा है.
इसलिए कहते हैं इसे मकर संक्रांति
हिंदू पंचांग के अनुसार जब सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश होता है, तो यह घटना संक्रमण या संक्रांति कहलाती है. संक्रांति का नामकरण उस राशि से होता है, जिस राशि में सूर्य का प्रवेश होता है. मकर संक्रांति के दिन सूर्य का प्रवेश धनु राशि से मकर राशि में होता है.
आज से पोंगल
पोंगल भी शुरू हो गया. यह तमिल भाषा-भाषी लोगों का प्रमुख त्योहार है. इसके पहले शनिवार को भोगी पोंगल मनाया गया. शाम में राजधानी में रहनेवाले तमिल लोगों ने घरों से पुराने कपड़े और कूड़ा एकत्रित किये और उसे जलाया. इसके पीछे मान्यता है कि घर की सभी नकारात्मक शक्ति बाहर हो जाती है. बुराइयों का अंत होता है. तमिलनाडु में इस दिन लोग अग्नि के चारों और इकट्ठा होकर रात भर भोगी कोट्टम बजाते हैं अौर पर्व के आगमन पर खुशी का इजहार करते हैं. रविवार को सूर्य पोंगल का त्योहार धूमधाम से मनाया जायेगा. कल मट्टू पोंगल मनाया जायेगा. किसान पशुओं की पूजा-अर्चना करते हैं. भाई अपनी बहनों को उपहार भी देते हैं. मंगलवार को कन्या पोंगल मनाया जायेगा.