विद्या की देवी मां सरस्वती की आराधना आज, ऐसे करें मां की आराधना, इस मंत्र से होंगी प्रसन्‍न

पूजा पंडालों को आकर्षक रूप से सजाया गया है, चारों तरफ उल्लास का माहौल आज सरस्वती पूजा है. सभी तैयारी पूरी कर ली गयी है. मां की आराधना के लिए आकर्षक पूजा पंडाल बनाये गये हैं. शिक्षण संस्थानों में विशेष तैयारी की गयी है. रविवार को दिन के 12.29 बजे पंचमी तिथि लग गयी, जो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2018 6:49 AM
पूजा पंडालों को आकर्षक रूप से सजाया गया है, चारों तरफ उल्लास का माहौल
आज सरस्वती पूजा है. सभी तैयारी पूरी कर ली गयी है. मां की आराधना के लिए आकर्षक पूजा पंडाल बनाये गये हैं. शिक्षण संस्थानों में विशेष तैयारी की गयी है. रविवार को दिन के 12.29 बजे पंचमी तिथि लग गयी, जो आज दिन के 12.38 बजे तक है. इसलिए मां की आराधना सूर्योदय के बाद से ही शुरू हो जायेगी. इस दिन रवि व यायीजययोग मिल रहा है. इस दिन प्रात:काल स्नान ध्यान का विशेष महत्व है. इसके अलावा गंगा सहित विभिन्न नदियों में स्नान ध्यान का महत्व है. इस दिन विभिन्न शिवालयों में भोले बाबा का तिलकोत्सव भी होता है.
ऐसे करें मां सरस्वती की आराधना
सबसे पहले पूजा की चौकी को गंगा जल डालकर शुद्ध कर लें. उस पर अल्पना बनायें. फिर पीले रंग का वस्त्र रखकर मां सरस्वती की प्रतिमा या फोटो को विराजित करें. इसके बाद पूजन सामग्री व पाठ्य पुस्तक आदि माता रानी के पास रख दें अौर उनका ध्यान कर संकल्प करते हुए गंगाजल छींटकर माता को तिलक कर दें.
फिर पूजन शुरू करें. मां को पीले अथवा जो भी वस्त्र उपलब्ध है, उसे अोढ़ाकर उनका शृंगार कर दें. धूप-दीप, अगरबत्ती व विभिन्न प्रसाद अर्पित कर उनकी आरती कर लें. भगवान को अबीर-गुलाल अर्पित करने के बाद स्वयं उसे लगा लें. अपने से बड़ों का आशीर्वाद लें. प्रसाद का वितरण करें. इससे पूर्व मां के विभिन्न नामों का जाप कर लें. सरस्वती चालीसा का पाठ करें. शाम में संध्या आरती कर मां को विभिन्न प्रसाद अर्पित करें. मां को पीला व सफेद फूल पसंद है. आम की मंजरी भी अर्पित करें.
मां के ध्यान का मंत्र
शुक्लां ब्रह्मविचारसार परमाद्यां जगद व्यापिनी, वीणापुस्तक धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्. हस्ते स्फटिकमालिकां व दधतीं पदमासने संस्थितां वंदे तां परमेश्वरी भगवती बुद्धिप्रदां शारदाम्. क्षमा याचना का मंत्र : अपराध शतं देवि मत्कृतं च दिने दिने. क्षम्यतान पावने देव-देवेश नमोडस्तुते…

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