आज रात लगेगा सूर्य ग्रहण, पर हम भारत वाले इस वजह से नहीं देख सकेंगे
नयी दिल्ली : 15 फरवरी यानी आज सूर्यग्रहण है. यह इस साल का पहला सूर्यग्रहण है. इस सूर्यग्रहण को दक्षिणी गोलार्द्ध के हिस्सों से देखा जा सकेगा. यानी अंटार्कटिका, दक्षिण अमेरिका, चिली, ब्राजील, अटलांटिक महासागर के दक्षिणी हिस्सों व एशिया के कुछ हिस्सों से इसे देखा जा सकेगा. ऐसे में इस सूर्यग्रहण को भारत में […]
नयी दिल्ली : 15 फरवरी यानी आज सूर्यग्रहण है. यह इस साल का पहला सूर्यग्रहण है. इस सूर्यग्रहण को दक्षिणी गोलार्द्ध के हिस्सों से देखा जा सकेगा. यानी अंटार्कटिका, दक्षिण अमेरिका, चिली, ब्राजील, अटलांटिक महासागर के दक्षिणी हिस्सों व एशिया के कुछ हिस्सों से इसे देखा जा सकेगा. ऐसे में इस सूर्यग्रहण को भारत में देखना संभव नहीं होगा. इसके बाद अगला सूर्यग्रहण इस साल 11 अगस्त को पड़ेगा, पर वह भी भारत में नहीं देखा जा सकेगा. दक्षिणी गोलार्द्ध में सूर्यग्रहण देखे जाने की स्थिति में भारतीय समय के अनुसार, 15 फरवरी काे रात 12.25 बजे ग्रहण शुरू होगा और इसका सूतक काल सुबह चार बजे समाप्त होगा. भारतीय परंपरा में ग्रहण के बाद स्नान किया जाता है, ऐसे में कल सुबह लोग स्नान कर अपना नित्य कार्य आरंभ कर सकेंगे. ग्रहण काल में भौतिक कार्य व भोजन से परहेज किया जाता है. गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.
सूर्यग्रहण क्या होता है?
जब सूर्य और पृथ्वी की कक्षा के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य पर इसकी छाया पड़ती है. पूर्ण सूर्यग्रहण में ये तीनों एक सीधी रेखा में आ जाते हैं, जबकि आंशिक सूर्यग्रहण में चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी एक सीधी रेखा में नहीं आते हैं और ऐसे में सूर्य पर चंद्रमा की कुछ छाया पड़ती है. इस कारण कुछ पल के लिए अंधेरा हो जाता है. हिंदू धर्म में सूर्यग्रहण व चंद्रग्रहण का धार्मिक दृष्टिकोण से वर्णन है, क्योंकि इसमें प्राकृतिक संरचनाओं को भी देव रूप माना गया है. उल्लेखनीय है कि आंशिक चंद्रग्रहण हर छह महीने में पड़ता है, लेकिन पूर्ण सूर्यग्रहण का दुर्लभ खगोलीय घटना होती है. पूर्ण सूर्यग्रहण पिछले साल 21 अगस्त को अौर आंशिक चंद्रगहण इसी साल 31 जनवरी को देखने को मिला था. सूर्यग्रहण को खुली आंखों से देखना नुकसानदेह होता है.