कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाये…सहित अन्य गीतों के बीच छठ व्रतियों ने छठ महापर्व की तैयारी शुरू कर दी है. चार दिवसीय चैती छठ महापर्व के पहले दिन बुधवार को नहाय-खाय है. इस दिन व्रतधारी प्रात: स्नान-ध्यान कर भगवान सूर्य की आराधना करेंगी. इसके बाद घरों में चावल, दाल, कद्दू की सब्जी तैयार कर भगवान को अर्पित कर उन्हें ग्रहण करेंगी.
इसी दिन से व्रत का नियम-निष्ठा भी शुरू हो जायेगा. इसी दिन से व्रतधारी गेहूं व चावल सुखायेंगी. गुरुवार को खरना है़. इस दिन व्रती दिन भर उपवास रखने के बाद शाम में खीर, रोटी सहित अन्य प्रसाद तैयार कर सूर्यास्त होने के बाद भगवान की पूजा कर उन्हें अर्पित करेंगी.
इसके बाद व्रती स्वयं इसे ग्रहण करेंगी अौर उसके बाद प्रसाद स्वरूप इसका वितरण किया जायेगा. इस दिन से उनका 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जायेगा. शुक्रवार 23 मार्च को डूबते हुए सूर्य को अौर शनिवार 24 मार्च को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा.