रुद्राक्ष से होता है खून साफ, बढ़ती है स्मरण शक्ति
नीलम कुमारी टेक्निकल ऑफिसर झाम्कोफेड रुद्राक्ष का पूजा पाठ और धार्मिक कार्यों में बहुत महत्व है़ यह एक से लेकर 14 मुखी तक होता है़ इसकी माला गले में धारण करने से ह्दय और मन को शांति मिलती है़ एक मुखी और 14 मुखी रुद्राक्ष को साक्षात भगवान शिव का विग्रह माना जाता है़ यह […]
नीलम कुमारी
टेक्निकल ऑफिसर झाम्कोफेड
रुद्राक्ष का पूजा पाठ और धार्मिक कार्यों में बहुत महत्व है़ यह एक से लेकर 14 मुखी तक होता है़ इसकी माला गले में धारण करने से ह्दय और मन को शांति मिलती है़ एक मुखी और 14 मुखी रुद्राक्ष को साक्षात भगवान शिव का विग्रह माना जाता है़ यह शरीर के चुंबकीय क्षेत्र को प्रभावित करता है़ इससे रक्तचाप सामान्य होता है़ इसका वानस्पतिक नाम इलेकारपस गोनटीरस है यह इलेकारपेसी परिवार का पौधा है़
उपयोगी भाग : इसका उपयोगी भाग फल और फूल होता है.
जानें औषधीय उपयोग
यह यानी रुद्राक्ष गर्म प्रकृति का होता है़ इसलिए खून साफ करता है़ रात को इसे पानी में फुला कर रखना चाहिए़ सुबह इस पानी को पीने से हृदय रोग में लाभ होता है़ यह आंख, कान, नाक और गले की बीमारी में भी उपयोगी है़ साथ ही इससे स्मरण शक्ति बढ़ती है़ यह घाव, दाग और धब्बे को भी ठीक करता है़
इसमें है फायदेमंद
अनिद्रा, मिर्गी : ब्राह्मी के साथ घिस कर पीने से अनिद्रा और मिर्गी की बीमारियों में लाभ पहुंचता है.
स्मरण शक्ति : स्मरण शक्ति और बुद्धि बढ़ाने के लिए रुद्राक्ष घोड़ा बच, स्वर्ण, शंख को एक साथ पत्थर पर घिस कर सुबह और शाम को एक चम्मच शहद के साथ प्रयोग करना चाहिए़
दमा : खांसी और दमा में रुद्राक्ष को घिस कर शहद के साथ प्रयोग करना चाहिए़ गाय के ताजे दूध के साथ घिस कर प्रयोग करने से भी लाभ होता है़
रक्तचाप : इसकी माला को गले में पहनना चाहिए.
चर्म रोग : रुद्राक्ष को गोमूत्र के साथ घिस कर प्रयोग करना चाहिए.
घाव : घाव में रुद्राक्ष को तुलसी पत्ता के साथ पीस कर लेप किया जाता है़
जोड़ों को दर्द : रुद्राक्ष को पीस कर सरसों के तेल के साथ मिला कर मालिश करने से गठिया, जोड़ों का दर्द में आराम मिलता है़
नोट: चिकित्सीय परामर्श के बाद ही उपयोग करें