गृहस्थ आश्रम इंसान को बनाता है जिम्मेदार

-सत्यनारायण मंदिर ठाकुरबाड़ी जुगसलाई में रामकथा जमशेदपुर : सत्यनारायण मंदिर ठाकुरबाड़ी जुगसलाई में रामकथा के छठे दिन गुरुवार को माता सीता के स्वयंवर का प्रसंग हुआ. कथावाचक संतोष कृष्ण त्रिपाठी ऋषि ने कहा कि सभी आश्रमों में गृहस्थ को सबसे अच्छा माना गया है. विवाह बंधन में बंधकर ही व्यक्ति घर, परिवार और समाज के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 21, 2018 11:14 AM

-सत्यनारायण मंदिर ठाकुरबाड़ी जुगसलाई में रामकथा

जमशेदपुर : सत्यनारायण मंदिर ठाकुरबाड़ी जुगसलाई में रामकथा के छठे दिन गुरुवार को माता सीता के स्वयंवर का प्रसंग हुआ. कथावाचक संतोष कृष्ण त्रिपाठी ऋषि ने कहा कि सभी आश्रमों में गृहस्थ को सबसे अच्छा माना गया है. विवाह बंधन में बंधकर ही व्यक्ति घर, परिवार और समाज के प्रति जिम्मेदार बनता है. भगवान राम ने स्वयंवर में शिव धनुष तोड़ा.
सीता के साथ-साथ दोनों राज्यों से भी नाता जोड़ा. उन्होंने कहा कि हम सभी को प्रभु राम का सुमिरन करना चाहिए. ऐसा करने से हमारे सभी कष्ट दूर हो जायेंगे. संयम खोने वाले व्यक्ति को हमेशा पश्चाताप करना पड़ता है. महर्षि परशुराम द्वारा किया गया अमर्यादित व्यवहार लोगों के लिए उदाहरण है.
भावना के अनुरूप ही दिखती हैं चीजें : कथावाचक ने राम विवाह प्रसंग को समझाया. उन्होंने कहा कि स्वयंवर में विशाल शरीर वाले राजा पहुंचे थे. उनके सामने राम-लक्ष्मण कोमल बालक नजर आ रहे थे. जिसका आकलन सभी ने अपने-अपने ढंग से किया. इसके जरिये सीख दी गयी कि जिस व्यक्ति की जैसी भावना होती है, उसे वैसी ही चीजें दिखायी देती हैं. कथा में मुख्य यजमान पंडित श्रवण कुमार जोशी ने शिरकत की. मौके पर अरुण बांकरेवाल, सुशील रूंगटा, रतन लाल सोनी, महावीर प्रसाद काबरा, रतन जोशी, गिरधारी लाल शर्मा, विमल पंडित, गोपाल व अन्य मौजूद रहे.

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