महालया : पितर अपने परिवार को सुख-शांति व समृद्धि का आशीर्वाद दे चले जाते हैं स्वर्ग लोक
मो दुर्गा दुर्गति नाशिनी… अर्थात, जो दुर्गति का नाश करती हैं, वही आद्याशक्ति मां दुर्गा हैं. जागो दुर्गा, जागो दशोप्रहर धारिणी मां…जागो… तुमि जागो… जागो चिन्मयी जागो मृन्मयी, तुमि जागो मां… इस प्रकार मां दुर्गा के आगमनी संगीत से आद्याशक्ति दुर्गा मां का बोधन प्रारंभ होता है. मां दुर्गा का आगमनी संगीत के स्वर कानों […]
मो दुर्गा दुर्गति नाशिनी… अर्थात, जो दुर्गति का नाश करती हैं, वही आद्याशक्ति मां दुर्गा हैं. जागो दुर्गा, जागो दशोप्रहर धारिणी मां…जागो… तुमि जागो… जागो चिन्मयी जागो मृन्मयी, तुमि जागो मां… इस प्रकार मां दुर्गा के आगमनी संगीत से आद्याशक्ति दुर्गा मां का बोधन प्रारंभ होता है. मां दुर्गा का आगमनी संगीत के स्वर कानों में पड़ते ही सारा संसार भक्तिमय एवं आलोकित हो उठता है.
महालया के दिन से देवी पक्ष प्रारंभ होता है और उसी दिन से मां दुर्गा का आवाहन किया जाता है. महालया का शाब्दिक का अर्थ होता है- ‘आनंद निकेतन’. पौराणिक मान्यता है कि महालया के दिन पितर अपने पुत्रादि से पिंडदान व तिलांजलि को प्राप्त कर अपने पुत्र व परिवार को सुख-शांति व समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान कर स्वर्ग लोक चले जाते हैं. इस तरह महालया के दिन 14 दिनों से चल रहे पितृपक्ष का समापन होता है इसी दिन से देवी-देवताओं की पूजा शुरू हो जाती है.