पंचोत्सव: दुकानदार तैयारी में जुटे, धनतेरस को लेकर बाजारों में उमड़ी भीड़, ज्वेलरी, कार, बाइक आदि की बुकिंग शुरू
पटना : कार्तिक मास की त्रयोदसी को धनतेरस होती है. इस बार धनतेरस पांच और दीपावली सात को मनायी जायेगी. धनतेरस पर बर्तन व अन्य कई तरह की चीजें खरीदने की परंपरा और मान्यता है. वहीं, इस दिन सोने की खरीदारी करना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है. सोना खरीदने के पीछे पौराणिक कथा भी जुड़ी हुई है. धनतेरस धन और तेरस दो शब्दों के मेल से बना है. घर में धन और समृद्धि के लिए इस दिन विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए.
धनतेरस की पौराणिक कथा
धनतेरस पर कई तरह की चीजें खरीदते हैं. इनमें सोने, चांदी से लेकर भवन, भूमि अौर वाहन आदि की खरीदारी शुभ माना गया है. ज्योतिष विद राकेश झा शास्त्री के अनुसार धनतेरस पर सोने खरीदने की परंपरा सालों से चली आ रही. पौराणिक कथा के अनुसार धनतेरस हिम नामक राजा के बेटे श्राप से श्रापित थे. राजा हिम के बेटे को श्राप था कि शादी के चौथे दिन ही उसकी मृत्यु हो जायेगी. मगर जब इस बात का राजकुमार की पत्नी को पता चला तो उसने एक नीति बनायी. उसने अपने पति से शादी के चौथे दिन जगे रहने के लिए कहा. मगर पति कहीं सो न जाए इसके लिए वह लगातार गीत और कहानियां सुनाती रही. उसके बाद उसने घर के दरवाजे पर सोने-चांदी व अन्य बहुमूल्य वस्तुएं रख दीं. घर के आस-पास दीये भी जलायें. यम सांप के रूप में राजा हिम के बेटे की जान लेने आये तो आभूषणों और दीपों की चमक से अंधे हो गये. वह घर के अंदर प्रवेश ही नहीं कर सके. वह आभूषणों के ढेर पर बैठ गये और रात भर गीत सुनते रहे. सुबह होने पर यमराज राजकुमार के प्राण लिए बिना ही चले गये क्योंकि मृत्यु की घड़ी बीत चुकी थी.
शुभ माना जाता है
माना जाता है देवी लक्ष्मी की भांति भगवान धनवंतरि भी समुद्र मंथन से उत्पन्न हुए थे. उनके हाथ में अमृत कलश था इसलिए इस दिन बर्तन आदि खरीदने की परंपरा बनायी गयी है. धनतेरस के दिन लोग सोने चांदी के बर्तन, सिक्के और आभूषण आदि खरीदते है. इसके अलावा भी ऐसी बहुत सी चीजें है जिन्हें धनतेरस पर खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है.