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आज सिद्धि योग में होगी मां सरस्वती की पूजा, ऐसे करें आराधना

सुबह सवा सात बजे से पौने दस बजे तक शुभ मुहूर्तहालांकि उदया तिथि के कारण पूरे दिन हो सकतीआज सिद्धि योग में विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा होगी. ज्योतिषियों के अनुसार जिस दिन पंचमी तिथि सूर्योदय और दोपहर के बीच में व्याप्त रहती है उस दिन को सरस्वती पूजा के लिये उपयुक्त माना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 10, 2019 7:34 AM

सुबह सवा सात बजे से पौने दस बजे तक शुभ मुहूर्त
हालांकि उदया तिथि के कारण पूरे दिन हो सकती

आज सिद्धि योग में विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा होगी. ज्योतिषियों के अनुसार जिस दिन पंचमी तिथि सूर्योदय और दोपहर के बीच में व्याप्त रहती है उस दिन को सरस्वती पूजा के लिये उपयुक्त माना जाता है. दस फरवरी को पंचमी सुबह 9 बजकर 46 मिनट तक है. वसंत पंचमी के दिन किसी भी समय सरस्वती पूजा की जा सकती है लेकिन ज्योतिषियों के अनुसार सुबह का समय पूजा के लिये श्रेष्ठ माना जाता है. पंडित श्री पति त्रिपाठी कहते हैं कि सिद्धि योग में सुबह से लगातार पौने दस बजे के बाद तक पूजा की जा सकती है. इसके बाद भी अपनी सुविधा के अनुसार पूजा की जा सकती है. क्योंकि उदया तिथि में दिन भर पूजा कर सकते हैं. माता सरस्वती का पूजन स्थिर लग्न की शुभ मुहूर्त ने किया जाना और स्नान दान करना उत्तम फल दायक होता है. स्थिर लग्न मुहूर्त्त है जिसमें किया गया दान पुण्य अक्षय पुण्य दायक होगा.

विद्यारंभ कराने का अवसर
वसंत पंचमी के ही दिन शिशुओं के विद्यारंभ कराने का शुभ अवसर भी है. ब्राह्मणों द्वारा पहला अक्षर लिखना सिखाया जाता है. विद्या आरंभ करने के लिये यह दिन काफी शुभ माना जाता है, इसलिए माता-पिता आज के दिन शिशु को माता सरस्वती के आशीर्वाद के साथ विद्या आरंभ कराते हैं. सभी विद्यालयों में आज के दिन सुबह के समय माता सरस्वती की पूजा की जाती है.

ऐसे करें मां की आराधना
सुबह स्नान करके पीले या सफेद वस्त्र पहनें और उत्तर-पूर्व दिशा में मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित करें. इसके बाद सफेद चंदन, पीले और सफेद फूल अर्पितकरने चाहिए. पंचामृत से मां को भोग लगाना चाहिए. कुछ लोग इस दिन खीर का भोग भी लगाते हैं. वसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती को समर्पित है और इस दिन मां की पूजा-अर्चना की जाती है. माता सरस्वती को ज्ञान, संगीत, कला, विज्ञान और शिल्प-कला की देवी माना जाता है. इस दिन भक्त लोग, ज्ञान प्राप्ति और सुस्ती, आलस्य एवं अज्ञानता से छुटकारा पाने के लिये देवी सरस्वती की उपासना करते हैं.

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