ज्योतिषीय समाधान: क्या रात में दही खाने से ग़रीबी आती है ? जानें क्या कहते हैं सद्गुरु स्वामी आनंद जी
सद्गुरु स्वामी आनंद जी एक आधुनिक सन्यासी हैं, जो पाखंड के धुरविरोधी हैं और संपूर्ण विश्व में भारतीय आध्यात्म व दर्शन के तार्किक तथा वैज्ञानिक पक्ष को उजागर कर रहे हैं. सद्गुरुश्री के नाम से प्रख्यात कार्पोरेट सेक्टर से अध्यात्म में क़दम रखने वाले यह आध्यात्मिक गुरु नक्षत्रीय गणनाओं तथा गूढ़ विधाओं में पारंगत हैं […]
सद्गुरु स्वामी आनंद जी एक आधुनिक सन्यासी हैं, जो पाखंड के धुरविरोधी हैं और संपूर्ण विश्व में भारतीय आध्यात्म व दर्शन के तार्किक तथा वैज्ञानिक पक्ष को उजागर कर रहे हैं. सद्गुरुश्री के नाम से प्रख्यात कार्पोरेट सेक्टर से अध्यात्म में क़दम रखने वाले यह आध्यात्मिक गुरु नक्षत्रीय गणनाओं तथा गूढ़ विधाओं में पारंगत हैं तथा मनुष्य के आध्यात्मिक, सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक व्यवहार की गहरी पकड़ रखते हैं. आप भी इनसे अपनी समस्याओं को लेकर सवाल पूछ सकते हैं. इसके लिए आप इन समस्याओं के संबंध में लोगों के द्वारा किये गये सवाल के अंत में पता देख सकते हैं…
सवाल- मैं अपनी बात अच्छे से नहीं रख पाता। क्या करूं?
जन्मतिथि- 20.08.1998, जन्म समय-6.28 प्रातः, जन्म स्थान- सासाराम
-स्वयं प्रकाश पाल
जवाब- सदगुरुश्री कहते हैं कि आपकी राशि कर्क और लग्न सिंह है. आपकी कुंडली में कम्युनिकेशन और वकृत्व क्षमता का मालिक बुध शत्रु चंद्रमा की राशि कर्क में द्वादश भाव में विराजमान है. यह स्थिति बौद्धिकता में तो वृद्धि करती है पर संप्रेषण क्षमता में कभी कभी कुछ कमी कर देती है. पर नियमित अभ्यास और संकल्प शक्ति से इस पर क़ाबू पाया जा सकता है. बुधवार को खाली मटकी का जल प्रवाह और गाय को हरी घास का अर्पण लाभ प्रदान करेगा, ऐसा मैं नहीं, मान्यताएं कहती हैं.
सवाल- बहन की शादी में बहुत विलम्ब हो गया है. विवाह कब तक सम्भव है.
बहन की जन्म तिथि- 19.06.1987, जन्म समय-5.37 बजे प्रातः, जन्म स्थान- आरा.
-संजय सिन्हा
जवाब- सदगुरुश्री कहते हैं कि आपकी बहन की राशि मीन और लग्न मिथुन है. मंगल देव लग्न में बैठ कर जहां आपकी बहन को मांगलिक बना रहे हैं, वहीं साथ में मित्र सूर्य और शत्रु बुध विराज कर इस योग को मामूली जटिलता प्रदान कर रहे हैं. पर आप चिंता हरगिज़ न करें. यूं तो विवाह का मध्यम योग चल रहा है पर विधाता का संकेत है कि 22 सितम्बर 2019 से होने वाला ग्रह परिवर्तन आपके प्रयासों को सफल बनाएगा. आप सकारात्मक विचारों के साथ योग्य वर की तलाश करते रहें.
सवाल- जीवन में आगे बढ़ने व तरक़्क़ी करने के लिए बेस्ट मंत्र या लक्ष्मी का बीज मंत्र कौन सा है.
-सौरभ सिंगला
जवाब- सदगुरुश्री कहते हैं कि जीवन में उत्तरोत्तर उन्नति के लिए आंतरिक शक्ति का विकास मुख्य सूत्र है. इसके अलावा मीठी वाणी, क्षमा का वरण व पूर्ण निष्ठा व श्रम से निर्मित कर्म आपको फलक पर बिठाएगा. रही बात मंत्रों की तो मंत्र सार्वजनिक प्रकाशन का विषय नहीं है. इसे किसी योग्य गुरु से लेना ही श्रेयस्कर है. पर संदर्भ के लिए, यूं तो श्रींकार यानी श्रीं बीज को लक्ष्मी बीज कहा गया है. पर सिर्फ़ लक्ष्मी प्राप्ति ही समृद्धि का कारक नहीं है. समृद्धि और ऐश्वर्य के सूत्र तो माया में समाहित हैं. आध्यात्मिक मान्यताओं के अनुसार माया और लक्ष्मी एक नहीं भिन्न हैं. माया का बीज मंत्र ह्रींकार यानी ह्रीं है. पर उस समृद्धि का कोई मोल नहीं जिसमें आकर्षण न हो. क्लींकार यानी क्लीं को आकर्षण बीज कहा गया है. पर बिना ज्ञान के किसी उन्नति का कोई अर्थ ही नहीं है. तन्त्र शास्त्र में ऐंकार यानी ऐं को ज्ञान बीज माना गया है.
सवाल- क्या रात में दही खाने से ग़रीबी आती है?
-उर्मिला सान्याल
जवाब- सदगुरुश्री कहते हैं कि रात में दही के सेवन को आयुर्वेद जहां स्वास्थ्य के लिए शुभ नहीं मानते वहीं कुछ पारंपरिक मान्यतायें आर्थिक कष्ट देने वाला भी मानती हैं. अपितु इसका कोई प्रामाणिक या वैज्ञानिक आधार नहीं है.
सवाल- ज्योतिष शास्त्र नया है या प्राचीन?
-विजय शंकर
जवाब- सदगुरुश्री कहते हैं कि ग्रहों की चाल और उसकी गणना का उल्लेख का प्रथम परिचय वेदों में मिलता है. ज्योतिष और खगोल शास्त्र के आरम्भिक सूत्र ऋग्वेद से प्राप्त होते हैं. वहीं से ज्योतिष का प्रथम प्राकट्य प्राप्त होता है. ज्योतिष ज्ञान और ग्रह-नक्षत्रों का विस्तृत परिचय वेद से आगे पुराणों में भी मिलता है. नारदपुराण, पद्मपुराण, अग्निपुराण, भविष्यपुराण आदि में भी ज्योतिष की विभिन्न शाखाओं का उल्लेख मिलता है.
(अगर आपके पास भी कोई ऐसी समस्या हो, जिसका आप तार्किक और वैज्ञानिक समाधान चाहते हों, तो कृपया प्रभात खबर के माध्यम से सद्गुरु स्वामी आनंद जी से सवाल पूछ सकते हैं. इसके लिए आपको बस इतना ही करना है कि आप अपने सवाल उन्हें सीधे saddgurushri@gmail.com पर भेज सकते हैं. चुनिंदा प्रश्नों के उत्तर प्रकाशित किये जायेंगे. मेल में Subject में प्रभात ख़बर अवश्य लिखें.)