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सावन खास : हर सोमवारी को करें शिवलिंग की आराधना, परेशानी दूर करने के लिए करें ये उपाय

सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखा जाये तो अशुभ ग्रहों का दोष कुंडली से जल्द ही दूर हो जाता है. और परिणाम अच्छे मिलने लगते हैं. करियर में सफलता और असफलता के लिए कुडंली में बुध ग्रह को जिम्मेदार माना गया है. नौकरी, बिजनेस और पढ़ाई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2019 12:52 PM

सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखा जाये तो अशुभ ग्रहों का दोष कुंडली से जल्द ही दूर हो जाता है. और परिणाम अच्छे मिलने लगते हैं. करियर में सफलता और असफलता के लिए कुडंली में बुध ग्रह को जिम्मेदार माना गया है. नौकरी, बिजनेस और पढ़ाई में आने वाली बाधा को दूर करने के लिए इस सावन महीने के प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग पर दूर्वा घास चढ़ाएं. इससे करियर संबंधी बाधा दूर हो जाती है.

कुंडली में ग्रह दोष होने से व्यक्ति की मानसिक परेशानी बढ़ जाती है. ज्योतिष में मानसिक परेशानी का संबंध चंद्रमा से संबंधित ग्रह दोष के कारण होता है. इस परेशानी को दूर करने के लिए सावन के प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग पर दूध अर्पित करना चाहिए. अगर किसी की कुंडली में सूर्य ग्रह से संबंधित कोई दोष हो, तो व्यक्ति के मान-सम्मान में गिरावट होने लगती है. मान-सम्मान को बढ़ाने के लिए इस सावन के महीने में शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं और शिवलिंग पर जल चढ़ाएं. कुंडली में राहु-केतु के अशुभ घर में बैठने पर स्वस्थ्य संबंधी परेशानियां आने लगती है.

सेहत को ठीक करने के लिए इस सावन में भगवान शिव को धतूरा चढ़ाएं. कुंडली में बृहस्पति ग्रह के कमजोर और दोष होने से विवाह होने में तमाम तरह की परेशानियां आने लगती है.

पहली सोमवारी से शुरू करें ‘16 सोमवारी’ का व्रत

श्रावण के सबसे लोकप्रिय व्रतों में से एक है 16 सोमवार का व्रत़ श्रावण माह में सिर्फ सोमवार को ही व्रत रखना चाहिए, जबकि इस माह से व्रत रखने के दिन शुरू होते हैं. जो चार माह तक चलते हैं, जिसे चतुर्मास कहते हैं. आमजन सोमवार को ही व्रत रख सकते हैं. शिव पुराण के अनुसार जिस कामना से कोई इस मास के सोमवार का व्रत करता है, उसकी वह कामना अवश्य एवं अतिशीघ्र पूरी हो जाती है. जिसे 16 सोमवार व्रत करने हैं, वे भी सावन के पहले सोमवार से व्रत करने की शुरुआत कर सकते हैं. इस मास में भगवान शिव की बेलपत्र से पूजा करना श्रेष्ठ एवं शुभ फल दायक है.

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