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शादीशुदा जीवन नारकीय हो गया, पति मेरी बात नहीं सुनते, क्या करें उपाय? जानें क्या कहते हैं सद्‌गुरु स्वामी आनंद जी

सद्‌गुरु स्वामी आनंद जी एक आधुनिक सन्यासी हैं, जो पाखंड के धुरविरोधी हैं और संपूर्ण विश्व में भारतीय आध्यात्म व दर्शन के तार्किक तथा वैज्ञानिक पक्ष को उजागर कर रहे हैं. सद्‌गुरुश्री के नाम से प्रख्यात कार्पोरेट सेक्टर से अध्यात्म में क़दम रखने वाले यह आध्यात्मिक गुरु नक्षत्रीय गणनाओं तथा गूढ़ विधाओं में पारंगत हैं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2019 7:46 AM

सद्‌गुरु स्वामी आनंद जी एक आधुनिक सन्यासी हैं, जो पाखंड के धुरविरोधी हैं और संपूर्ण विश्व में भारतीय आध्यात्म व दर्शन के तार्किक तथा वैज्ञानिक पक्ष को उजागर कर रहे हैं. सद्‌गुरुश्री के नाम से प्रख्यात कार्पोरेट सेक्टर से अध्यात्म में क़दम रखने वाले यह आध्यात्मिक गुरु नक्षत्रीय गणनाओं तथा गूढ़ विधाओं में पारंगत हैं तथा मनुष्य के आध्यात्मिक, सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक व्यवहार की गहरी पकड़ रखते हैं. आप भी इनसे अपनी समस्याओं को लेकर सवाल पूछ सकते हैं. इसके लिए आप इन समस्याओं के संबंध में लोगों के द्वारा किये गये सवाल के अंत में पता देख सकते हैं…

सवाल- शादीशुदा जीवन नारकीय हो गया है। पति को दूसरों की बात सही और मेरी ग़लत लगती है। उनको वश में करने के लिए कोई उपाय है क्या? जन्म तिथि- 24.05.1992, जन्म समय- 16.34, जन्म स्थान- गाँधीनगर।
-ऐश्वर्या राय
जवाब- सदगुरु श्री कहते हैं कि आपकी राशि कुंभ और लग्न वृश्चिक है. आपके दाम्पत्य भाव में सूर्य बैठ कर आपके वैवाहिक जीवन के लिये उलझन का सूत्रपात कर रहा है. यही योग आपके स्वभाव में सम्वेदनशीलता और नाटकीयता भर कर आपके पारिवारिक जीवन में तनाव को जन्म दे रहा है. पर वहीं पति भाव का स्वामी शुक्र सप्तम भाव में ही बैठकर आपके दांपत्य जीवन के लिए कवच का काम भी कर रहा है. किसी पर नियंत्रण का भाव या प्रयास सदैव कष्ट ही देता है.
दाम्पत्य जीवन किसी चाबुक से नहीं, प्यार और प्रेम पूर्ण आचरण से ही विकसित होता है. केवल वैवाहिक जीवन के लिए ही नहीं किसी भी साझेदारी की सफलता के लिये लचीला रवैया अनिवार्य शर्त है. 43 दिनों तक गुड़ का जल प्रवाह, रविवार को नमक का त्याग और हरी सब्ज़ियों का सेवन लाभकारी सिद्ध होगा, ऐसा मैं नहीं ज्योतिष की पारम्परिक मान्यतायें कहती हैं। सनद रहे, कि किसी से भी अपेक्षा अंत में कष्ट ही देती है
सवाल- मैं लकड़ी के फ़र्नीचर बनाता हूँ. मेरा काम बहुत अच्छा है पर मेरे पास काम नहीं है. सफलता का कोई मार्ग बताइए. क्या मुझे कोई दूसरा कार्य करना चाहिये. जन्मतिथि -29.07.1988, जन्म समय-10.55 दिन, जन्म स्थान- भोजपुर
– पंकज शर्मा
जवाब- सदगुरु श्री कहते हैं कि आपकी राशि मकर और लग्न कन्या है. आपके भाग्य का मालिक शुक्र भाग्य में ही बैठ कर जहां आपको राजयोग प्रदान कर रहा है, वहीं साथ में विरोधी वृहस्पति की युति कुछ चुनौतियां भी प्रस्तुत कर रही हैं. कर्म भाव में ही कर्मेश बुध की मौजूदगी जहां आपको बौद्धिक रूप से समृद्ध और कार्यकुशल बना रही है, वहीं लाभ भाव में अपने परम मित्र चंद्रमा की राशि कर्क में सूर्य की उपस्थिति एक उत्तम योग निर्मित कर रही है. इस समय आप शनि की साढ़ेसाती के अधीन हैं, और आप राहु की महादशा भी भोग रहे हैं. जो आपकी सफलता को क्षणिक रूप से बाधित कर रही है. पर आप चिंता ना करें.
विधाता कहते हैं कि 01.10.2020 से आप सकारात्मक काल में प्रविष्ट होंगे. आपको रोज़गार परिवर्तित करने की कोई ज़रूरत नहीं है. आप पूरी निष्ठा से अपनी रुचि के अनुसार अपना कर्म करते रहें. मीठी वस्तुओं का यथासंभव वितरण, शनिवार काजल का भूमि प्रवाह और सकारात्मक विचार से आपकी काष्ठ कला को सम्मान, लाभ व सफलता सब प्राप्त होंगे, ऐसा मैं नहीं, ज्योतिषिय मान्यतायें कहती हैं. याद रखें कि पूर्ण निष्ठा से सतत उचित कर्म ही भाग्य का निर्माण करते हैं.
सवाल- मेरी दुकान में बहुत साल माल फँस गया है। बिक नहीं रहा है।अगर माल न बिका तो मुझे भारी नुकसान हो जाएगा। कृपया मेरी मदद करें कि मैं इस मुसीबत से निकलने के लिए क्या करूँ।
– राधेश्याम माँझी
जवाब- सदगुरुश्री कहते हैं कि इस समस्या की वजह तलाश करने के लिए आप अपनी दुकान का सूक्ष्म निरीक्षण करके देखें। सर्वप्रथम आप मलिक और कर्मचारियों के बैठने की स्थिति का मुआयना करें। किसी भी रूप में मुख की दिशा दक्षिण की ओर नही होनी चाहिए. उत्तर-पूर्व में यथासंभव दर्पण स्थापित कर दें. यदि उत्तर की ओर हो तो बेहतर है. अन्यथा पूर्व भी चलेगा। गल्ले और तिजोरी का द्वार दक्षिण और पश्चिम की ओर नहीं खुलना चाहिए. ईशान्य कोण में बिजली का मेन स्विच और उपकरण अच्छा फल नहीं देते. मुख्य द्वार सज़ा सँवरा होना सफल व्यापार के लिए बड़ी शर्त है.
कैश काउंटर पर वितरण के लिए मीठी वस्तुएँ जैसे टॉफ़ी, चॉकलेट भी सकारात्मक फल प्रदान करते हैं। जो माल आपका बिक नही रहा है उसे वायव्य कोण यानी उत्तर-पश्चिम दिशा में रख दे और वहाँ उसके डिस्प्ले की भी व्यवस्था करें। नित्य संध्या को अपना शोरूम को सुगंधित पदार्थ से महका दें. मुझे यकीन है कि आप समस्या से जल्दी ही बाहर आ जाएँगे.
सवाल-नीचभंग राजयोग के कारण जीवन नष्ट हो गया है। यह क्या होता है? जन्म तिथि-29.09.1977, 23.44, जन्म स्थान- राँची
-प्रशान्त यादव
जवाब- सदगुरुश्री कहते हैं कि नीचभंग योग एक उत्तम राजयोग में शुमार है।यह सुखकारक है, कष्टकारक नहीं। ज्योतिषिय ग्रंथों ने इस योग की बहुत प्रशंसा की है। जब कुंडली में षष्ठ, अष्टम और व्यय भाव के मालिक इन्ही घरों में आसीन हों तो यह राजयोग निर्मित होता है। यह योग समाज, राज्य और राष्ट्र में बड़ी प्रतिष्ठा का सबब बनता है। शासन, प्रशासन और राजनीति में यह उच्च पद प्रदान करता है। यह जीवन में अपार ख्याति देता है। नीचभंग के लिए जो ग्रह उत्तरदायी होता है उस ग्रह के क्षेत्र में महा सफलता मिलती है। आपकी राशि मिथुन और लग्न सिंह है। आपकी कुंडली में नीचभंग राजयोग है ही नहीं।
सवाल- पति से संबंध बनाते समय मुझे बहुत कष्ट होता है।झिझक में कुछ कह नहीं पाती। डॉक्टर कहतीं हैं, कि समय के साथ सब ठीक हो जाएगा। पर हो नहीं रहा। सहेली ने किसी से पूछा तो पता चला कि कुंडली में दोष है। क्या करूँ।
जन्म तिथि- 19.12.1993, समय- 18.27, स्थान- सासाराम
– मानसी झा
जवाब- सदगुरुश्री कहते हैं कि आपकी राशि कुंभ और लग्न मिथुन है. आपके पति भाव में सूर्य विराजमान है. सूर्य जहाँ विराजते हैं, वहाँ के सुखों में कमी करते हैं. साथ ही उनके साथ मंगल की उपस्थिति आपको माँगलिक भी बना रही है. आपके पंचम भाव में वृहस्पति विराजकर उसे प्रभावित कर रहे हैं. पंचम भाव ही प्रेम और शारीरिक संबंधों का भाव है. शुक्र षष्ठ भाव में आसीन है.
यहाँ का शुक्र देह के निचले भाग या यौन भाग में कष्ट का सबब बनता बनता है. मैं इस उलझन के लिए ज्योतिषिय सलाह से पहले चिकित्सकीय सलाह की अनुशंसा करता हूँ. पति से खुलकर बात करना अच्छा होगा. नमक का सेवन कम करें, भोजन का पहला ग्रास चूल्‍हे पर जलाएँ, स्नान से पूर्व दही का उबटन लगाएँ और मस्तक, नाभि व जिहवा पर केसर का तिलक लगाएँ, लाभ होगा ऐसा प्राचीन मान्यतायें कहती हैं।

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