हिन्दू पंचांग में सावन महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन देशभर में नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है. उन्हें दूध से स्नान कराया जाता है. कहीं कहीं दूध लावा भी खिलाया जाता है. नागों की पूजा के बारे में भविष्योत्तरपुराण में कहा गया है
वासुकिः तक्षकश्चैव कालियो मणिभद्रकः.
ऐरावतो धृतराष्ट्रः कार्कोटकधनंजयौ ॥
एतेऽभयं प्रयच्छन्ति प्राणिनां प्राणजीविनाम् ॥
इसका अर्थ है वासुकि, तक्षक, कालिया, मणिभद्रक, ऐरावत, धृतराष्ट्र, कार्कोटक और धनंजय – ये प्राणियों को अभय प्रदान करते हैं.
हिंदू धर्म में नाग पंचमी का बहुत महत्व है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन महिलाएं नाग देवता को अपने भाई के रूप में पूजती हैं और मनोकामना पूरी करने के लिए प्रार्थना करती हैं. ये भी मान्यता है कि नागपंचमी के दिन नागों की पूजा करने से मनुष्यों के पापों का नाश हो जाता है. शास्त्रों और पुराणों में नाग को देवता माना गया है और कहा गया है कि नागपंचमी के दिन नागों की पूजा करने से बड़े-बड़े कष्टों से भी छुटकारा मिल जाता है.
इस बार नागपंचमी का पर्व और भी खास हो गया है, इस बार नागपंचमी सोमवार के दिन पड़ रहा है. नागपंचमी का त्योहार सोमवार को पड़ रहा है, कई मायनों में ये बहुत खास संयोग है.
सोमवार का दिन महादेव की पूजा का विधान है. इस दिन महादेव की पूजा करने से वो सबसे ज्यादा खुस होते है. आइए जानते हैं सोमवार और नागपंचमी का क्या है संयोग.
सोमवार को क्यों है नागपंचमी खास
भगवान शिव का दिन होता है सोमवार, और महादेव को सर्प इतना प्रिय है कि उन्होंने उसे अपने गले का हार बना लिया है. तो सोमवार को सर्पो की पूजा करने से महादेव सबसे ज्यादा प्रसन्न होते है.
- नागों की पूजा करके आध्यात्मिक शक्ति, कई तरह की सिद्धियां और अपार धन की प्राप्ति की जा सकती है. शास्त्रों में सांपों को धन से जोड़ा गया है.
- नाग शंकर भगवान केआभूषण हैं, जिसे वो गले में धारन करने हैं. नाग को शिव जी की शक्ति का प्रतीक भी माना गया है.
नागपंचमी पर बन रहा है अद्भुत संयोग
- इस बार नागपंचमी वाले दिन यानी सोमवार को शिव जी और नागों की पूजा से विशेष लाभ होगा.
- इस दिन पूजा करने से राहु केतु के प्रकोप से शांति मिलेगी, और कइ समस्याएं हल हो जाएंगी.
ऐसे करें नागों की पूजा
नागपूजन करते समय 12 नागों का नाम लेना अति उत्तम होता है, इन नागों का नाम लेकर आपना अपनी पूजा संपन्न् कर सकते हैं.
- धृतराष्ट्र, कर्कोटक, अश्वतर, शंखपाल
- पद्म, कम्बल, अनंत, शेषनाग, नागराज वासुकी
- पिंगल, तक्षक और कालिया
पूरे भक्ति भाव से इन नागों के नामों का उच्चारण कर इनसे अभय और रक्षा की प्रार्थना करें. साथ ही अपने जीवन में धन-धान्य और खुशहाली की भी इनसे कामना करें.