जन्माष्टमी आज, जानें रोहिणी नक्षत्र के बारे में क्या बता रहे हैं पंडित श्रीपति त्रिपाठी
भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का त्योहार जन्माष्टमी आज मनाया जायेगा. 23 अगस्त (शुक्रवार) को सूर्योदय से निशीथकाल तक अष्टमी तिथि प्राप्त होने से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत सभी जनों द्वारा मनायी जायेगी. 24 अगस्त (शनिवार) को उदयकाल रोहिणी मत वाले वैष्णवजनों की श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत होगी. पंडित श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि 23 अगस्त को अष्टमी […]
भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का त्योहार जन्माष्टमी आज मनाया जायेगा. 23 अगस्त (शुक्रवार) को सूर्योदय से निशीथकाल तक अष्टमी तिथि प्राप्त होने से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत सभी जनों द्वारा मनायी जायेगी. 24 अगस्त (शनिवार) को उदयकाल रोहिणी मत वाले वैष्णवजनों की श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत होगी.
पंडित श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि 23 अगस्त को अष्टमी रात्रि 03:18 तक है. नवमी 24 अगस्त रात्रि 02:52 तक है. रोहिणी नक्षत्र 23 तारीख को रात्रि 12:10 से 24 अगस्त की रात्रि 12:28 तक है. नक्षत्र के भेद के अनुसार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत मनायी जाती है. भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र से संयुक्त होने पर बालरूपी चतुर्भुज भगवान श्रीकृष्ण उत्पन्न हुए थे.
मंदिरों का होगा शृंगार, निकलेंगी झांकियां
जन्माष्टमी को लेकर बिहार-झारखंड के राधा-कृष्ण मंदिरों की सजावट की गयी है. कई जगहों से श्री कृष्णावतार के उपलक्ष्य में झाकियां भी निकाली जायेगी. मंदिरों से लेकर मुहल्लों में भगवान श्रीकृष्ण का शृंगार करके झूला सजा के उन्हें झूला झुलाया जाता है. स्त्री-पुरुष रात के 12 बजे तक व्रत रखते हैं. रात को 12 बजे शंख तथा घंटों की आवाज से श्रीकृष्ण के जन्म की खबर चारों दिशाओं में गूंज उठती है. भगवान कृष्ण जी की आरती उतारी जाती है और प्रसाद वितरण किया जाता है. फलाहार के रूप में कुट्टू के आटे की पकौड़ी, मावे की बर्फी और सिंघाड़े के आटे का हलवा बनाया जाता है.