कोलकाता : उत्तर कोलकाता के बेलियाघाटा 33 पल्ली वासीवृंद का पूजा पंडाल छातों से सजा होगा, जिसमें 1000 किलो पीतल की बनी देवी दुर्गा की मूर्ति झूलती हुई दिखेंगी. यहां लोगों को समझाने की कोशिश की जायेगी कि कैसे हमारी थोड़ी सी नकारात्मक सोच दीमक की भांति हमारे प्रेम और भाईचारे के पीलर्स को अंदर से खोखला कर उसे कमजोर कर देती है. इस पंडाल को ‘हम सब एक हैं, अकेले नहीं’ के थीम पर बनाया जा रहा है, जिसमें पंडाल की दीवार को सभी धार्मिक प्रतीक को पजल्स के रूप में व्यवस्थित किया गया है.
पंडाल में सभी धर्म के पीलर्स भी बनाये गये हैं, जिसे दीमक को खाते हुए दिखाया गया है. पंडाल की छत रंग-बिरंगे छाते से सजी है, जिसमें मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर को लटकाया गया है. साथ ही यह भी दिखाया गया है कि दीमक उन पवित्र स्थलों को भी खोखला कर रहा है. कलाकार रिंटू दास व अमर हालदार ने बताया कि उन्होंने पंडाल में छाता का इस्तेमाल कर बताना चाहा है कि हम जहां भी चले जायें, पर एक ही छत के नीचे हैं. दीवारों पर पजल्स के रूप में धार्मिकों प्रतीकों का इस्तेमाल यह दिखाने के लिए किया गया है कि बचपन में सभी धर्म के लोग एक साथ खाते और खेलते हैं, लेकिन बड़े होते ही धर्म के नाम पर लड़ते हैं.
दुर्गा मां की प्रतिमा का निर्माण कर रहे सुबो कर्मकार ने बताया कि दुर्गा मां की प्रतिमा को बर्दवान के खुशखोटा की चर्चित डोकरा आर्ट का मिश्रण कर बनाया गया है. मोम-पीच पर 1000 किलो पीतल ढाल कर मूर्ति बनायी जा रही है.
कमिटी के पदाधिकारी
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