पांच दिवसीय महोत्सव शुरू, धनतेरस आज, रविवार को मनेगी दीवाली, विशेष मुहूर्त में करें पूजा

रांची : पांच दिवसीय दीपावली महोत्सव की शुरुआत कार्तिक मास कृष्ण पक्ष प्रदोष व्यापणि त्रयोदशी तिथि यानी शुक्रवार 25 अक्तूबर को धनवंतरी जयंती, धनत्रियोदशी (धनतेरस) से हो रही है. शास्त्रानुसार इस दिन आयुर्वेद के जनक धनवंतरी का जन्म समुद्र मंथन के दौरान हुआ था. माता लक्ष्मी भी अवतरित हुई थी. इसलिए विशेष मुहूर्त में यह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2019 7:17 AM

रांची : पांच दिवसीय दीपावली महोत्सव की शुरुआत कार्तिक मास कृष्ण पक्ष प्रदोष व्यापणि त्रयोदशी तिथि यानी शुक्रवार 25 अक्तूबर को धनवंतरी जयंती, धनत्रियोदशी (धनतेरस) से हो रही है. शास्त्रानुसार इस दिन आयुर्वेद के जनक धनवंतरी का जन्म समुद्र मंथन के दौरान हुआ था. माता लक्ष्मी भी अवतरित हुई थी. इसलिए विशेष मुहूर्त में यह पूजा की जाती है. पूजा करने से धन-धान्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है.

शनिवार को छोटी दीपावली, रविवार को दीपावली, सोमवार को गोवर्धन पूजा, पांचवें व अंतिम दिन चित्रगुप्त पूजा, यम द्वितीय व भाई दूज है. स्वामी डॉ दिव्यानंद का कहना है कि शुक्रवार शाम 4:31 बजे तक द्वादशी है, इसके बाद त्रयोदशी हो जाएगी, जो 26 अक्तूबर की दोपहर 2:08 बजे तक है. इस दिन शाम 6:55 से रात 8:50 बजे तक वृष लग्न और रात के 1:23 से 3:36 बजे तक सिंह लग्न है. इस दिन कई लोग लक्ष्मी-गणेश की भी पूजा-अर्चना करते हैं.

शुभ दीपावाली 27 अक्तूबर को : निशिथ व्यापणि कार्तिक अमावस्या रविवार, 27 अक्तूबर को दीपावली, लक्ष्मी-गणेश-कुबेर पूजा, महाकाली पूजा है. पंडित एके मिश्रा के मुताबिक, पूजन के लिए शुभ मुहूर्त संध्या 5:10 से 5:58, 6:16 से रात्रि 8:14 के बीच है. लक्ष्मी-गणेश-कुबेर पूजन के विशिष्ट मुहूर्त रात 12:44 से 2:55 बजे है. महानिशिथ काल में मां काली की पूजा होगी. इसके लिए शुभ मुहूर्त रात 11:04 से 11:52 बजे तक है.

यम-तर्पण और दीपदान : कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि शनिवार (26 अक्तूबर) को नरक चतुर्दशी है. इस अवसर पर यम-तर्पण और दीपदान किया जाता है. यम-तर्पण के निमित्त संध्या काल में दक्षिण दिशा की ओर मुखकर जल, तिल और कुश लेकर दीपक प्रज्वलित किया जाता है. माना जाता है ऐसा करने से यमराज संतुष्ट होते हैं.

अन्नकूट व गोवर्धन पूजा 28 को : सोमवार, 28 अक्तूबर को अन्नकूट, गोवर्धन पूजा है. शुभ मुहूर्त सुबह 9:45 से 10:03, सुबह 11:06 से 11:52, दोपहर 12:54 से संध्या 5:08 बजे तक है. शास्त्र के मुताबिक, भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्रदेव के दर्प दमन के लिए गोवर्धन की पूजा शुरू करवायी थी. आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत बना कर पूजन किया जाता है.

भ्रातृ द्वितीया व चित्रगुप्त पूजा 29 को : कार्तिक शुल्क पक्ष की द्वितीया तिथि मंगलवार, 29 अक्तूबर को यम द्वितीया, भ्रातृ द्वितीया व चित्रगुप्त पूजा है. इस दिन बहन के घर जाकर भाई भोजन करते हैं. शास्त्रों में उल्लेख है कि यमदेव की बहन यमी (यमुना) ने इसी दिन यमदेव को बुला कर हाथों से सुस्वाद भोजन करवाया था. यमदेव ने उसे वरदान दिये थे.

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