कुछ प्रमुख दर्शनीय स्थल
नागेश्वर नाथ मंदिर यह मंदिर अयोध्या में राम की पैड़ी पर स्थित है. कहा जाता है कि इस मंदिर को भगवान राम के पुत्र कुश ने बनवाया था. विक्रमादित्य के समय तक यह मंदिर अच्छी स्थिति में था. वर्तमान के नागेश्वर नाथ मंदिर को 1750 में सफदर जंग के मंत्री नवल राय ने बनवाया था. […]
नागेश्वर नाथ मंदिर
यह मंदिर अयोध्या में राम की पैड़ी पर स्थित है. कहा जाता है कि इस मंदिर को भगवान राम के पुत्र कुश ने बनवाया था. विक्रमादित्य के समय तक यह मंदिर अच्छी स्थिति में था. वर्तमान के नागेश्वर नाथ मंदिर को 1750 में सफदर जंग के मंत्री नवल राय ने बनवाया था. शिवरात्रि के दिन इस मंदिर में बड़े उत्सव का आयोजन किया जाता है.
देवकाली मंदिर
नया घाट के नजदीक स्थित इस मंदिर से रामायण की अनेक कहानियां जुड़ी हुई हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम से विवाह के बाद सीताजी गिरिजा देवी की प्रतिमा साथ लेकर अयोध्या आयी थीं. गिरिजा देवी के लिए दशरथ ने अयोध्या में एक सुंदर मंदिर का निर्माण करवाया था.
राम की पैड़ी
सरयू नदी के तट पर अनेक घाट बने हुए हैं, जिन्हें राम की पैड़ी कहा जाता है. कहा जाता है कि इस नदी में स्नान करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं, इसलिए श्रद्धालु यहां आकर डुबकी लगाते हैं.
बिड़ला मंदिर
श्रीराम जानकी बिड़ला मंदिर नया है. सीता-राम का यह मंदिर अयोध्या-फैजाबाद के रास्ते में यह अयोध्या बस स्टॉप के सामने स्थित है.
हनुमानगढ़ी
यह मंदिर अयोध्या रेलवे स्टेशन से एक किलोमीटर की दूरी पर है. इस मंदिर का निर्माण विक्रमादित्य ने करवाया था, जिसे बाद में हनुमानगढ़ी के नाम से जाना जाने लगा. एेसा माना जाता है इस मंदिर में हनुमानजी का वास है और वे यहां रहकर अयोध्या की निगरानी करते हैं. मंदिर में माता अंजनी की गोद में बैठे हुए बाल हनुमान की मूर्ति स्थापित है.
कनक भवन
कनक भवन अयोध्या में राम जन्मभूमि, रामकोट के उत्तर-पूर्व में स्थित है. यह अयोध्या का सबसे प्रसिद्ध और सुंदर मंदिर है. मान्यताओं के अनुसार, श्रीराम से विवाह के तुरंत बाद कैकेयी ने सीता को यह मंदिर उपहार में दिया था.
गुलाब बारी
गुलाब बारी अयोध्या स्थित नवाब शुजाउदौला का मकबरा है. यह मकबरा चारबाग के बीचो-बीच स्थित है और इसमें विभिन्न प्रजाति के गुलाब, फव्वारे व पानी के चैनल लगे हैं. ऐसा माना जाता है कि यह मकबरा लखनऊ में एक बावली से जुड़ा हुआ है. नवाब शुजाउदौला के उत्तराधिकारियों के छुपने के लिए इस रास्ते का उपयोग होता था.
जैन श्वेतांबर मंदिर
जैन श्वेतांबर मंदिर जैन धर्म के पहले तीर्थंकर ऋषभदेव (आदिनाथ) को समर्पित है. इस नये मंदिर को बड़ी मूर्ति के नाम से जाना जाता है और यह अयोध्या के रायगंज में स्थित है. इसमें ऋषभदेव की 31 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित है. अयोध्या में ही जैन तीर्थंकरों के 18 कल्याणक महोत्सव का आयोजन हुआ था. यह स्थान जैन धर्म के पांच तीर्थंकरों की जन्म स्थली है.