उत्पन्ना एकादशी पर दीप दान से दूर होता है अकाल मृत्यु भय

वर्ष में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं. इन एकादशियों पर व्रत रखने का खास महत्व माना जाता है. लेकिन मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष में आनेवाले उत्पन्ना एकादशी की इनमें प्रमुखता है. मान्यता है कि इसी दिन एकादशी माता का जन्म हुआ था. इस बार यह एकादशी 22 नवंबर को पड़ रही है. उत्पन्ना एकादशी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 16, 2019 6:31 AM
वर्ष में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं. इन एकादशियों पर व्रत रखने का खास महत्व माना जाता है. लेकिन मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष में आनेवाले उत्पन्ना एकादशी की इनमें प्रमुखता है. मान्यता है कि इसी दिन एकादशी माता का जन्म हुआ था. इस बार यह एकादशी 22 नवंबर को पड़ रही है. उत्पन्ना एकादशी को सभी एकादशियों के बराबर माना गया है. इस दिन भगवान विष्णु एवं एकादशी माता की पूजा का विधान है.
कथा के अनुसार इसी दिन भगवान विष्णु ने मुरमुरा नामक राक्षस का वध किया था. विधि-विधान से इस दिन पूजा-व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन दीप दान का भी विशेष महत्व है. मान्यता है कि उत्पन्ना एकादशी को दीप दान करने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है. मनुष्य को पारिवारिक सुख, नौकरी, व्यापार, वैवाहिक सुख आदि की प्राप्ति होती है.

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