पटना : हिंदू पंचांग के मुताबिक खरमास 16 दिसंबर से शुरू हो रहा है. इसके साथ ही शुभ कार्यों, मांगलिक कार्यों पर महीने भर का विराम लग जायेगा. फिर नये साल में 15 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद खरमास समाप्त हो जायेगा. इस दिन सूर्य उत्तरायण हो जायेंगे और शुभ मांगलिक कार्य शुरू होंगे. खरमास में पितृ पिंडदान का खास महत्व है. खरमास में भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा, पाठ करने से अत्यंत प्रसन्न होते हैं और जातक यहां सब प्रकार के सुख भोगकर मृत्यु के बाद भगवान के दिव्य गोलोक में निवास करता है.
धार्मिक अनुष्ठान अगर खरमास में किया जाये तो अतुल्य पुण्य की प्राप्ति होती है. कर्मकांड विशेषज्ञ ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा शास्त्री ने पंचागों के हवाले से बताया कि 16 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेगा. सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास यानी अशुद्ध मास का आरंभ हो जायेगा. बनारसी पंचांग के अनुसार 16 तारीख की मध्यरात्रि 12 बजकर 10 मिनट पर सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे वहीं मिथिला पंचांग के अनुसार शाम 6:38 बजे सूर्य का धनु में प्रवेश कर रहे हैं.
उनके अनुसार मिथिला पंचांग में भद्रामुख के हिसाब से समय निर्धारित की जाती है.ज्योतिषी झा के अनुसार खरमास में कोई भी शुभ मांगलिक आयोजन नहीं होंगे. विवाह, नये घर में गृह प्रवेश, नये वाहन की खरीद संपत्तियों का क्रय-विक्रय, मुंडन संस्कार जैसे अनेक शुभ कार्य वर्जित होते हैं.