आज उपछाया चंद्रग्रहण : मानव सभ्यता पर विचित्र प्रभाव पड़ने की आशंका

बड़े राष्ट्र व राष्ट्राध्यक्षों के बीच होगा तनाव सा ल का पहला चंद्रग्रहण शुक्रवार को लगने जा रहा है. यह चंद्रग्रहण पूर्ण या आंशिक न होकर सिर्फ उपछाया ग्रहण होगा. भारतीय समय के अनुसार इसकी शुरुआत शुक्रवार रात 10 बजकर 36 मिनट पर होगी और यह रात दो बजकर 44 मिनट पर खत्म होगा. यह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2020 9:12 AM
  • बड़े राष्ट्र व राष्ट्राध्यक्षों के बीच होगा तनाव
सा ल का पहला चंद्रग्रहण शुक्रवार को लगने जा रहा है. यह चंद्रग्रहण पूर्ण या आंशिक न होकर सिर्फ उपछाया ग्रहण होगा. भारतीय समय के अनुसार इसकी शुरुआत शुक्रवार रात 10 बजकर 36 मिनट पर होगी और यह रात दो बजकर 44 मिनट पर खत्म होगा. यह चंद्र ग्रहण मिथुन राशि के पुनर्वसु नक्षत्र में घटित होने जा रहा है. धनु राशि में इस राशि के स्वामी बृहस्पति समेत सूर्य, बुध, केतु और शनि राहू की सीधी दृष्टि से ग्रसित होंगे. मंगल अपनी राशि वृश्चिक व शुक्र कुंभ राशि में गतिशील होगा.
उपछाया ग्रहण में ग्रहों की इस स्थिति का मानव सभ्यता पर विचित्र प्रभाव पड़ेगा. बड़े राष्ट्र और राष्ट्राध्यक्षों के मानसिक तनाव में वृद्धि होगी. उनकी झड़प का असर अर्थव्यवस्था पर दृष्टिगोचर होगा. तेल, सोने और चांदी के भाव के उतार-चढ़ाव परेशानी पैदा करेंगे. इन तीनों का कारोबार अस्थिर भावों के कारण प्रभावित होगा.
मंगल की दृष्टि शुक्र, चंद्रमा और राहू पर होगी. अतएव बड़े और सुविधा संपन्न, कारोबारी, कलाकार व सिनेमा जगत के लोगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. इसी दृष्टि के कारण किसी बड़ी फिल्म पर इसका नकारात्मक असर पड़ेगा. मानसिक तनाव में वृद्धि के
संकेत हैं.
किसी धाकड़ और धूर्त राजनीतिज्ञ की योजना या राजनैतिक चाल फीकी पड़ने के संकेत मिल रहे हैं. राजाओं और मंत्रियों की मानसिक क्षमताओं और दूरदर्शिता में सहसा कमी दृष्टिगोचर होगी. शनि की भी शुक्र, राहू व चंद्रमा पर दृष्टि के कारण किसी नामचीन व्यक्ति, उद्योगपति, कलाकार या साहित्यकार की सेहत बिगड़ेगी. उन्हें मानसिक और आर्थिक कष्ट संभव है. प्रकृति का कोप बेचैन करेगा. शेयर व मुद्रा बाजार सांप-सीढ़ी खेलेगा.
क्या है उपछाया चंद्रग्रहण
इस खगोलीय घटना में चंद्रमा का कोई भी हिस्सा ग्रसित नहीं होगा इसलिए चंद्रमा का कोई भी हिस्सा काला नहीं होगा. वह सिर्फ धुंधला होकर रह जायेगा. यूं समझें कि चंद्रमा पृथ्वी की सिर्फ उपछाया का स्पर्श करके गुजर जायेगा. इस चंद्रग्रहण में चंद्रमा का बिंब धुंधला जायेगा और मटमैला सा प्रतीत होगा.
सद्गुरु स्वामी आनंद जी

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