15 जनवरी को खरमास खत्म होते ही शहनाई गूंजने लगेगी. सूर्य के धनु राशि में चले जाने से खरमास लगता है. मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि में मकर राशि में प्रवेश करेंगे. इसके बाद सूर्य की दिशा उत्तरायण होगी और फिर खरमास के कारण रुके हुए शुभ मुहूर्त एक बार फिर से शुरू हो जाएंगे. ज्योतिषाचार्य पं श्रीपति त्रिपाठी कहते हैं कि वर्ष में कुल 12 संक्रांतियां होती है. इस संक्रांति में सूर्य मकर राशि में रहते हैं.
मकर संक्रांति पर करें स्नान-दान, मिलेगा पुण्य
दान-पुण्य का महापर्व मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाया जायेगा. ज्योतिषाचार्य पंडित डॉ श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि 15 जनवरी को संक्रांति का पुण्यकाल दिनभर होने की वजह से श्रद्धालु पूरे दिन दान-पुण्य और स्नान कर सकेंगे.पुण्य काल सुबह 07.19 से 12.31 बजे तक और महापुण्य काल 07.19 से 09. 03 बजे तक रहेगा.
इसके बाद मांगलिक कार्यों का शुभारंभ हो जायेगा. साल का पहला विवाह मुहूर्त 15 जनवरी को पड़ेगा. धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही विवाह, नूतन गृह प्रवेश, नया वाहन, भवन क्रय-विक्रय, मुंडन आदि होंगे.
इस साल कुल 73 वैवाहिक लग्न
इस साल जनवरी से लेकर दिसंबर माह तक कुल 73 शुभ लग्न है. खरमास खत्म होने के बाद से हिंदुओं के सभी शुभ कार्य जैसे शादी-विवाह, उपनयन, मुंडन और गृह प्रवेश आदि शुरू हो जाएंगे और यह क्रम जुलाई तक चलता रहेगा. एक जुलाई को ही देवशयनी एकादशी पड़ रहा है. इस दिन भगवान विष्णु शयन के लिए क्षीरसागर में चले जाते हैं. उनके शयन के बाद सभी प्रकार के शुभ कार्य थम जाते हैं. इसके बाद 25 नवंबर से देवोत्थान एकादशी को भगवान नारायण निंद्रा से जागृत होंगे.