प्रणो: देवी सरस्वती वाजेभिर्वजिनीवती धीनामणित्रयवतु’: कल मनेगी सरस्वती पूजा
पटना : वसंत पंचमी 30 जनवरी गुरुवार को ही मनाया जायेगा. वसंत पंचमी को मां सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में मानाया जाता है. डॉ पंडित श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि वसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की विधि विधान से पूजा की जाती है. मां सरस्वती प्रसन्न होकर अपने भक्तों को […]
पटना : वसंत पंचमी 30 जनवरी गुरुवार को ही मनाया जायेगा. वसंत पंचमी को मां सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में मानाया जाता है. डॉ पंडित श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि वसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की विधि विधान से पूजा की जाती है. मां सरस्वती प्रसन्न होकर अपने भक्तों को ज्ञान, कला, संगीत और विज्ञान में पारंगत होने का आशीर्वाद प्रदान करती हैं. उन्होंने बताया कि वसंत पंचमी के दिन उदया तिथि में ही मां सरस्वती की पूजा फलदायी और श्रेष्ठ मानी जाती है. बुधवार के दिन उदया तिथि नहीं प्राप्त हो रही है. वसंत पंचमी के लिए उदया तिथि 30 जनवरी को प्राप्त हो रही है. ऐसे में सरस्वती पूजा कल होगी.
सभी ऋतुओं में सर्वश्रेष्ठ है वसंत
वसंत सभी ऋतुओं में सर्वश्रेष्ठ ऋतु मानी जाती है. सरस्वती को वागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणावादनी और वाग्देवी सहित अनेक नामों से पूजा जाता है. ये विद्या और बुद्धि प्रदाता हैं. संगीत की उत्पत्ति करने के कारण ये संगीत की देवी भी हैं. बसंत पंचमी के दिन को इनके प्रकोत्सव के रूप में भी मनाते हैं. ऋग्वेद में सरस्वती का वर्णन करते हुए कहा गया है- ‘प्रणो: देवी सरस्वती वाजेभिर्वजिनीवती धीनामणित्रयवतु:’. अर्थात ये परम चेतना हैं. सरस्वती के रूप में ये हमारी बुद्धि, प्रज्ञा तथा मनोवृत्तियों की संरक्षिका हैं. हममें जो आचार और मेधा है उसका आधार भगवती सरस्वती ही हैं. इनकी समृद्धि और स्वरूप का वैभव अद्भुत है.