सरस्वती नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणी, विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु में सदा (हे सबकी कामना पूर्ण करने वाली माता सरस्वती, आपको नमस्कार करता हूं. मैं अपनी विद्या ग्रहण करना आरंभ कर रहा हूं, मुझे इस कार्य में सिद्धि मिले) मंत्रोच्चार कर शैक्षणिक व कला संस्थानों में विद्यार्थी विद्या की देवी मां सरस्वती की आराधना आज कर रहे र्हैं. स्कूल, कॉलेजों में हर्षोल्लास के साथ बसंत पंचमी मनायी जा रही है. छात्र-छात्राओं व कला के साधकों ने पीले वस्त्र पहन कर वीणावादिनी मां शारदे की पूजा-अर्चना कर रहे हैं. आइए आपको बताते हैं कैसे माता सरस्वती आपकी मनोकामना सुनेंगी और उसे करेंगी पूरा…
सरस्वती वंदना करें श्रद्धालु
मां सरस्वती की पूजा करने के समय सरस्वती वंदना का स्मरण अवश्य करना चाहिए।
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं,
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्,
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥
पूजा करने के बाद हवन जरूर करें
पूजा करने के बाद श्रद्धालु हवन करें. सबसे पहले गणेश जी और नवग्रह के नाम से हवन करने का काम श्रद्धालु करें. इसके पश्चात ‘ओम श्री सरस्वत्यै नम: स्वहा" मंत्र से 108 बार माता सरस्वती के लिए हवन करने से आपको विद्या की देवी का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होगा. फिर सरस्वती माता की आरती करें. माता सरस्वती को इस दौरान अपनी मनोकामना से अवगत कराएं. मां आपकी मनोकामना पूरा करेगी.