पितृपक्ष में 17 दिनी गया श्राद्ध करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए छठे दिन यानी शनिवार को सबसे पहले फल्गु नदी में स्नान करें. इसके बाद मार्कंडेय महादेव से लेकर उत्तर मानस तक के तीर्थों का ध्यान करें. इसके साथ ही इस दिन इतनी ही दूरी में स्नान, तर्पण व श्राद्ध कार्य संपन्न करने का विधान है. इसके बाद भगवान विष्णु का दर्शन व पूजन करना चाहिए.
यहां विष्णुपद पर सपिंडों का श्राद्ध करने से अपने सहित अपने हजार कुलों को दिव्य अनंत कल्याणकारी अव्यय विष्णु पद की प्राप्ति होती है. यहां श्राद्ध के लिए तिल, चावल, जौ, दूध, दही, मधु व घी आदि का उपयोग करें और रात में ब्राह्मण भोज करायें.
।। गोवर्द्धन प्रसाद सदय ।।