महालया आज, कलश स्थापन कल
पटना : शारदीय नवरात्र गुरुवार से शुरू हो रहा है. पंडित श्रीपति त्रिपाठी के अनुसार कलश स्थापन प्रात छह बजे से अथवा अभिजीत मुहूर्त में हो, तो अति उत्तम है. इस बार माता का आगमन डोली और गमन हाथी पर होगा. गुरुवार को कलश स्थापन के साथ मां के पहले स्वरूप शैल पुत्री की पूजा […]
पटना : शारदीय नवरात्र गुरुवार से शुरू हो रहा है. पंडित श्रीपति त्रिपाठी के अनुसार कलश स्थापन प्रात छह बजे से अथवा अभिजीत मुहूर्त में हो, तो अति उत्तम है. इस बार माता का आगमन डोली और गमन हाथी पर होगा. गुरुवार को कलश स्थापन के साथ मां के पहले स्वरूप शैल पुत्री की पूजा होगी. इससे पहले मंगलवार की सुबह 9.30 बजे के बाद से अमावस्या शुरू है, जो बुधवार की सुबह 11.15 बजे तक रहेगी.
कर सकेंगे पितरों को तर्पण : अश्विन कृष्ण अमावस्या को पितृ श्रद्ध किया जाता है. जिन लोगों को पिता के निधन की तिथि ज्ञात नहीं, वे इसी दिन जलांजलि देकर तर्पण करेंगे. आश्विन शुक्ल प्रतिपदा का प्रारंभ बुधवार की सुबह 11.15 बजे से हो रहा है, जो गुरुवार की दोपहर 12.30 तक रहेगा. सूर्योदय तिथि से मान्य होने के कारण गुरुवार को प्रतिपदा में कलश स्थापन किया जायेगा. 23 सितंबर की सुबह 9.30 बजे तक चतुदर्शी तिथि है, जो 24 सितंबर को 11.15 बजे तक रहेगी.
आठ दिनों का नवरात्र
दो अक्तूबर को अष्टमी तिथि सुबह 8.30 बजे तक रहेगी. इसके बाद नवमी तिथि प्रारंभ हो जायेगी, जो अगले दिन शुक्रवार की सुबह 6.34 बजे तक रहेगी. अष्टमी व नवमी के संयोग में महागौरी एवं सिद्धिदात्री की पूजा होगी.
अगले दिन सुबह 6.34 बजे तक हवन व कन्या पूजन कर सकेंगे. इसके बाद सुबह 6.35 बजे से दशमी तिथि प्रारंभ हो जायेगी.
इसमें श्रावण नक्षत्र के योग में विजयादशमी का पर्व मनाया जायेगा. जो इस बार संध्या 6 बज कर एक मिनट पर शुरू हो रहा है. इससे शुक्रवार को दिनांक 3 अक्तूबर को विजयादशमी व मूर्ति विसजर्न होगा.
शुभ मुहूर्त : सुबह 6.00 से 12.30 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त : 11. 30 से 12.30 बजे तक
पूजा पंडालों में मूर्ति स्थापना : सप्तमी तिथि (30 सितंबर) को रात 9.36 बजे मूल नक्षत्र में
अष्टमी व नवमी तिथि : 2 अक्तूबर (गुरुवार) को
किस दिन किस समय देवी की आराधना
– प्रथम शैलपुत्री : 25 सितंबर की सुबह 6.00 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक
– द्वितीय ब्रह्मचारिणी : 26 सितंबर को प्रात:काल से दोपहर 1.30 बजे तक
– तृतीय चंद्रघंटा : 27 सितंबर को प्रात:काल से दोपहर 1.45 बजे तक
– चतुर्थी कुष्मांडा : 28 सितंबर को प्रात:काल से दोपहर 1.45 बजे तक
– पंचमी स्कंदमाता : 29 सितंबर को प्रात:काल से दोपहर 1.05 बजे तक
– षष्ठी कात्यायनी : 30 सितंबर को प्रात:काल से दोपहर 11.45 बजे तक
– सप्तमी कालरात्रि : एक अक्तूबर को प्रात:काल से सुबह 10.85 बजे तक
– अष्टमी महागौरी : 2 अक्तूबर की सुबह 8.30 बजे तक
– नवमी सिद्धि : 3 अक्तूबर की सुबह 6.35 बजे तक कन्या पूजन व हवन