कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि को मनाये जानेवाला पर्व दीपावली आज है. गृहस्थ व व्यापारी दोनों मां लक्ष्मी की विशेष पूजा करते हैं. व्यापारी इस दिन पूजा कर बही-खाता बदलते हैं. वहीं गृहस्थ प्रदोष काल में महालक्ष्मी की पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. पंडित श्रीपति त्रिपाठी के अनुसार दीपावली में गोधूलि लग्न से आरंभ होनेवाली पूजा महानिशिथ काल अर्थात अर्धरात्रि तक की जाती है. इस वर्ष प्रदोष काल में वृष लग्न में 6.41 से 8.37 बजे तक महालक्ष्मी पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है.
चारलग्नपूजा के लिए सर्वोत्तम समय
शास्त्रों के अनुसार स्थिर लगA में वृश्चिक, कुंभ, वृष व सिंह पूजा के लिए सर्वोत्तम समय माना गया है. मेष लगA में गोधूलि वेला 5. 37 से 8.33 मिनट तक है. इस समय पूजा करना अच्छा है. वहीं, वृष लगA में शाम 6.41 से 8.37 मिनट सर्वोत्तम मुहूर्त है. व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए उत्तम समय कुं भ लगA में दोपहर 2.02 से 3.33 मिनट तक हैं. उसके बाद सिंह लगA में पूजा करना भी उत्तम माना गया है, जो अर्धरात्रि 1.08 से 3.22 मिनट तक है. तांत्रिक जगत व मंत्र सिद्धि के लिए यह पूजन का महत्वपूर्ण समय है. साथ ही अहले सुबह सोमवार को सूप बजा कर दरिद्र नारायण का निष्कारण करें.