शक्ति का प्रकाश

असत्य और कटु विचारों से मुक्ति का सरल उपाय है, अपने भीतर सुविचार की भावना को दृढ़ करना. सुविचार शांति देते हैं. इसकी गंगा प्रवाहित करने पर ही हम मानसिक दुर्बलता से मुक्त हो सकते हैं. प्रत्येक विचार अंत:करण में एक मानसिक मार्ग का निर्माण करता है. हमारी समस्त आदतें ऐसे ही मानसिक मार्ग हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 29, 2014 4:13 AM

असत्य और कटु विचारों से मुक्ति का सरल उपाय है, अपने भीतर सुविचार की भावना को दृढ़ करना. सुविचार शांति देते हैं. इसकी गंगा प्रवाहित करने पर ही हम मानसिक दुर्बलता से मुक्त हो सकते हैं. प्रत्येक विचार अंत:करण में एक मानसिक मार्ग का निर्माण करता है. हमारी समस्त आदतें ऐसे ही मानसिक मार्ग हैं. तुम मन: प्रदेश में उत्तम रचनात्मक विचार ही प्रवेश करने दो.

सुविचारों को ही मन मस्तिष्क पर अंकित करो और जो प्रेम, ईश्वर, नीति के विरोधी विचार हों, उन्हें निकाल फेंको. विचार करो कि तुम किस तत्व में, किस बात में, किस दशा में पिछड़ रहे हो? तुम गीली मिट्टी के नष्ट हो जानेवाले पुतले के सदृश, केवल देह नहीं हो. तुम अमर आत्मा हो. तुम सत्य, स्वतंत्र, शिव, कल्याण, बलवान, आनंदमय, स्वच्छ और पवित्र हो.

तुम्हें ज्ञात होना चाहिए कि शक्ति ही जीवन है, शक्ति ही धर्म है. शक्ति तुम्हारे अंतर तथा बाह्य अंगों में पूर्णत: व्याप्त है. तुम्हारे रोम-रोम में संचार कर रही है. तुम्हारे नेत्रों में उसी शक्ति का प्रकाश है. अनंत शक्ति का विशाल समुद्र तुम्हारे पीछे है. निर्बलता, भय तथा चिंता के संशयदायक विचार हृदय से निकाल शक्ति के विचारों में लीन हो जाओ. ईश्वर के यहां अन्याय नहीं है. अपनी शक्तियों को जाग्रत, विकसित कर लेना या शिथिल पंगु बना लेना स्वयं के हाथ में है. मनुष्य के मन में जिन महत्वाकांक्षाओं का उदय होता है, वे अवश्य पूर्ण हो सकती हैं, यदि वह दृढ़ निश्चय द्वारा अपनी प्रतिभा जगा लें.

।। पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ।।

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