माचिस की तीली जैसे हैं हम
कोई भी उत्सव वैराग्य के बिना सतही होता है. सतही होने के कारण उसमें कोई गहराई नहीं होती है. उसी तरह वैराग्य के बिना की हुई सेवा उत्तम गुणवत्ता की नहीं होती, क्योंकि वह आपको थका देती है. आप में और अधिक वैराग्य होना चाहिए और इस तरह से सेवा को करते हुए जीवन उत्सव […]
कोई भी उत्सव वैराग्य के बिना सतही होता है. सतही होने के कारण उसमें कोई गहराई नहीं होती है. उसी तरह वैराग्य के बिना की हुई सेवा उत्तम गुणवत्ता की नहीं होती, क्योंकि वह आपको थका देती है.
आप में और अधिक वैराग्य होना चाहिए और इस तरह से सेवा को करते हुए जीवन उत्सव बन जाता है. आप सब कोई अनंत हैं और जीवन में चुनौतियां और समस्याएं आती जाती हैं, कभी सुखद और कभी अप्रिय. इनके बीच ही हमने जीवन को उत्सव बना लिया है और और अपने जीवन को आगे भी निरंतर उत्सव बनायेंगे और हमारे आस-पास के लाखों लोगों के जीवन को भी उत्सव बना देंगे. आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि आप इस विश्व के लिए एक उपहार हैं.
आप इस गृह के लिए बोझ नहीं परंतु उपहार हैं और जब आप में यह आत्मसम्मान जागेगा, तो आप अपने आस-पास के लोगों के लिए बहुत श्रेष्ठ और उत्तम चीजें कर सकेंगे. जब आप संतुष्ट और संपूर्ण होते हैं, तो फिर आप यही सोचते हैं कि आप दूसरों के लिए क्या कर सकते हैं और इसका एहसास होने के लिए आपको यह महसूस होना चाहिए कि आप विश्व के लिए एक उपहार हैं. मैं आपकी तुलना माचिस की तीली से करना चाहूंगा.
माचिस की तीली का उद्देश्य दीये में प्रकाश देना है. माचिस की तीली को जलाते हैं, तो वह कई दीयों को जला देती है. उसी तरह माचिस के डिब्बे की कई तीली कई जीवन में प्रकाश ला सकती है. आप यहां पर लोगों के जीवन में प्रकाश, ज्ञान और खुशियां लाने के लिए हैं.
श्री श्री रविशंकर