हर चीज अद्वितीय है
जब तक दुनिया में हम एक आदमी को दूसरे आदमी से तुलना करेंगे, तब तक हम गलत रास्ते पर चलते रहेंगे. वह गलत रास्ता यह होगा कि हम हर आदमी में दूसरे आदमी जैसी बनने की इच्छा पैदा करते हैं; जबकि अब तक कोई आदमी न तो दूसरे जैसा बना है और न कभी बन […]
जब तक दुनिया में हम एक आदमी को दूसरे आदमी से तुलना करेंगे, तब तक हम गलत रास्ते पर चलते रहेंगे. वह गलत रास्ता यह होगा कि हम हर आदमी में दूसरे आदमी जैसी बनने की इच्छा पैदा करते हैं; जबकि अब तक कोई आदमी न तो दूसरे जैसा बना है और न कभी बन सकता है.
राम को या ईशू को इस दुनिया से गये कितने बरस बीत गये! दूसरा ईशू क्यों नहीं बन पाता, जबकि हजारों क्रिश्चियन कोशिश में लगे रहते हैं. हजारों लोग राम बनने की कोशिश में हैं. हजारों जैन, महावीर, बुद्ध बनने की कोशिश में हैं, लेकिन कोई बनता क्यों नहीं? दूसरा ईशू, दूसरा महावीर क्यों नहीं पैदा होता? क्या इससे आंख नहीं खुल सकती आपकी? यह आपको जिंदगी में भी पता चलता है कि ठीक एक आदमी जैसा दूसरा आदमी कोई हो ही नहीं सकता है. एक कंकड़ जैसा दूसरा कंकड़ भी पूरी पृथ्वी पर खोजना कठिन है.
यहां हर चीज अद्वितीय है. और जब तक हम प्रत्येक की अद्वितीय प्रतिभा को सम्मान नहीं देंगे, तब तक दुनिया में प्रतियोगिता रहेगी, प्रतिस्पर्धा रहेगी. तब तक दुनिया में हिंसा रहेगी. तब तक दुनिया में सब तरह की बेईमानी के उपाय से आदमी आगे होना चाहेगा, दूसरे जैसा होना चाहेगा.
– आचार्य रजनीश ओशो