महापाप है अनिष्ट करना
तामस तप में अज्ञानता होती है. मूढ़ आदमी तपस्या तो करता है, किंतु वह ठीक विधि से नहीं करता. उसके द्वारा किया जानेवाला तप तामस तप होता है. इस तप में शरीर को खूब कष्ट दिया जाता है, परंतु तपस्या में विवेक नहीं होता है. तामस तप में एक खास बात यह बतायी गयी है […]
तामस तप में अज्ञानता होती है. मूढ़ आदमी तपस्या तो करता है, किंतु वह ठीक विधि से नहीं करता. उसके द्वारा किया जानेवाला तप तामस तप होता है. इस तप में शरीर को खूब कष्ट दिया जाता है, परंतु तपस्या में विवेक नहीं होता है.
तामस तप में एक खास बात यह बतायी गयी है कि दूसरों का बुरा करने के लिए तप किया जाता है. आदमी अपना भला करने के लिए तपस्या करे, तो बात समझ में आती है, किंतु दूसरों का अनिष्ट हो, इसलिए तपस्या करना निम्नस्तर का चिंतन होता है. कुछ लोग बताते हैं कि तांत्रिक द्वारा हमारे ऊपर ऐसा प्रयोग किया गया या कराया गया, जिससे हमारा व्यापार ठप हो गया, हमारा स्वास्थ्य खराब रहने लग गया, परिवार में अनेक मौतें हो गयीं, किसी का दिमाग भ्रांत कर दिया गया, आपसी संबंध खराब कर दिये गये आदि. इन सब बातों में वास्तविकता कितनी है, यह तो कहना कठिन है.
कुछ झूठा वहम, झूठी आशंका भी हो सकती है और कहीं वास्तविकता भी हो सकती है. दूसरों का अनिष्ट करने के लिए तपस्या करना महापाप का काम होता है. प्राचीन साहित्य में यह उल्लेख मिलता है कि तपस्या के द्वारा ऐसी लब्धि प्राप्त की जा सकती है, जिससे अनिष्ट किया जा सके.
– आचार्य महाश्रमण