ज्ञान-ध्यान जरूरी

जो ध्यान करते हैं, उनके सानिध्य में सब वैर छूट जाता है. ध्यान और साधना से हिंसा को खत्म किया जा सकता है. योगासूत्र में दिया गया ज्ञान, तत सानिध्य वैर त्याग:, ध्यान करनेवालों के सानिध्य में किसी भी तरह का वैर छूट जाता है. जहां सब ध्यान करते हैं, वहां ज्यादा नुकसान हो ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2015 5:41 AM
जो ध्यान करते हैं, उनके सानिध्य में सब वैर छूट जाता है. ध्यान और साधना से हिंसा को खत्म किया जा सकता है. योगासूत्र में दिया गया ज्ञान, तत सानिध्य वैर त्याग:, ध्यान करनेवालों के सानिध्य में किसी भी तरह का वैर छूट जाता है.
जहां सब ध्यान करते हैं, वहां ज्यादा नुकसान हो ही नहीं सकता. हम सबको मिल कर इस ज्ञान को घर-घर में फैला देना है. घर-घर में लोग ध्यान और योग करें, तो देश भर में एक नयी लहर हमको ले के आनी है. देश में जो नक्सल लोग हिंसा में लगे हुए हैं, वे भी बोले कि दर्शन करना चाहते हैं.
हम लोगों के साथ बैठ कर वे सत्संग करेंगे, सब हिंसा छोड़ देंगे और फूल की तरह खिल जायेंगे. देश में जो हिंसा में लगे हुए हैं, हम उनका स्वागत करते हैं. इस दैवी ऊर्जा में उनका भी मन बदल जायेगा. हरेक इंसान के अंदर कुछ मान्यता है, दैवी गुण हैं, बस वह जगने की जरूरत है.
कई लोग हमसे पूछते हैं कि हमें इसकी क्या जरूरत है! हमें कुछ भी नहीं चाहिए, पर जब तक यह ज्ञान लोगों तक नहीं पहुंचता, समाज शांति से नहीं रह सकता. इसलिए समाज में शांति के लिए हम सबको काम करना पड़ेगा. हम सब ज्ञान-ध्यान फैलाने की जिम्मेवारी ले लें, तो समाज सुंदर हो जायेगा.
– श्री श्री रविशंकर

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