एकांत-ध्यान नहीं है साधना
साधना का अर्थ केवल एकांतवास या ध्यान नहीं होता. वह साधना का एक पक्ष है, लेिकन साधना का यह भी अर्थ होता है िक हम अपने मन में संतोष और शांित के भाव को चौबीस घंटे कायम रखें. असली साधना वह है. आप ध्यान करते हो तो अिधक-से-अिधक एक घंटे के िलए करोगे. उसमें भी […]
साधना का अर्थ केवल एकांतवास या ध्यान नहीं होता. वह साधना का एक पक्ष है, लेिकन साधना का यह भी अर्थ होता है िक हम अपने मन में संतोष और शांित के भाव को चौबीस घंटे कायम रखें. असली साधना वह है. आप ध्यान करते हो तो अिधक-से-अिधक एक घंटे के िलए करोगे.
उसमें भी श्वास का ख्याल करोगे, मंत्र जप करोगे, इष्ट पर ध्यान लगाओगे या कुछ स्तोत्रपाठ कर लोगे. इसके अितरिक्त और क्या कर लोगे? ज्यादा-से-ज्यादा िकसी अच्छे भाव की अनुभूित हो सकती है. लेिकन वह क्षणिक होगी. उसके बाद िफर क्या? हमने ध्यान एक घंटे िकया, पर ग्यारह घंटे जब हम संसार में रहते हैं, तो क्या संसार में रह कर भी हम अपने मानसिक संतोष, प्रतिभा और शांित को कायम रख सकते हैं? अपने स्कूल के क्लासरूम में बैठ कर तो आप एक घंटा अपनी पढ़ाई कर ही लोगे, लेिकन असली मेहनत तब होती है, जब घर में आकर आपको होमवर्क करना पड़ता है.
सफलता घर में की गयी मेहनत पर िनर्भर करती है, स्कूल में की गयी मेहनत पर नहीं. वहां केवल सूत्र िमल जाता है िक इस िवषय पर तुम मंथन करो और वह मंथन घर में करना होता है. इसलिए कभी मत सोचना िक साधना का मतलब एकांत या ध्यान या मंत्र जप ही होता है.
– स्वामी निरंजनानंद सरस्वती