जानिए, कुंडली के बारह भाव में ”मंगल” का प्रभाव एवं दोष निवारण

किसी भी जातक के कुंडली के विभिन्न भावों में नौ ग्रहों की दशा उस जातक के जीवन पर कई प्रकार के प्रभाव डालती है. भावों में जिस प्रकार चंद्रमा की दशा जातक के जीवन को प्रभावित करती है, उसी प्रकार मंगल की दशा भी जातक के स्वभाव का वर्णन करती है. कुंडली के 12 भावों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 14, 2016 11:17 AM

किसी भी जातक के कुंडली के विभिन्न भावों में नौ ग्रहों की दशा उस जातक के जीवन पर कई प्रकार के प्रभाव डालती है. भावों में जिस प्रकार चंद्रमा की दशा जातक के जीवन को प्रभावित करती है, उसी प्रकार मंगल की दशा भी जातक के स्वभाव का वर्णन करती है. कुंडली के 12 भावों में मंगल की दशा से पता लगता है कि जातक का स्वभाव कैसा होगा और जातक के जीवन में इसका क्या अनुकूल या प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. ज्योतिष शास्त्र में इन भावों में मंगल की दशा से उत्पन्न विसंगतियों को दूर करने के कुछ सरल उपाय बताए गये हैं.इन उपायों को अपनाकर जातक मंगल के दोष को दूर कर सकता है और जीवन में उत्पन्न प‍रेशानियों को सरल बना सकता है.आइए जानते हैं 12 भावों में मंगल का प्रभाव और दोष निवारण….

पहले भाव में मंगल

कुण्डली के प्रथम भाव में अर्थात पहले खाने में मंगल बैठा हो तो जातक झूठा और मक्कार होता है. भाइयों का अनिष्टकारक होता है. इस भाव में मंगल होने से जातक की पत्नी की मृत्यु अग्नि दुर्घटना में होती है. दो विवाह का योग बनता है. जातक की पत्नी रोगग्रस्त होती है. जातक झगड़ालू और लड़ाकू होता है. अगर पहले भाव में मंगल और बारहवें भाव में चन्द्र हो तो जातक दरिद्र होता है.

उपाय और टोटके

1. मंगल को शुभ बनाने के लिए हनुमान चालीसा का प्रतिदिन पाठ करें.

2. मिट्टी के घड़े में गुड़ डालकर मंगलवार को सुनसान स्‍थान में रख आएं.

3. लाल रंग के वस्त्रों का ज्यादा उपयोग करें.

4. मंगलवार का व्रत रखें.

5. सिद्ध मंगल यंत्र धारण करें.

दूसरे भाव में मंगल

कुण्डली के दूसरे खाने में मंगल बैठा हो तो जातक 9 वर्षों तक रोग से पीड़ित रहता है. यदि जातक अपने भाइयों से छोटा है तो बड़े भाई की मृत्यु का योग बनता है. विवाहित जीवन में पति-पत्नी में आपसी क्लेश बना रहेगा. मंगल अशुभ हो तो जातक की मृत्यु लड़ाई-झगड़े में होने की आशंका रहती है.

उपाय और टोटके

1. दोपहर के समय बच्चों को फल बांटें.

2. मंगलवार का व्रत रखें.

3. लाल रूमाल सदैव अपने पास रखें.

4. सवा किलो या सवा पांच किलो रे‍वड़ियां बहते जल में प्रवाहित करें.

5. पांच छुहारे जल में उबालकर नदी में प्रवाहित करें.

तीसरे भाव में मंगल

कुण्डली में तीसरे खाने में मंगल बैठा हो तो जातक शराबी होता है. जातक चालबाज एवं धोखेबाज होता है. मंगल के अशुभ प्रभाव से जातक ब्लड प्रेशर का रोगी हो सकता है. मंगल अशुभ होकर जातक की हत्या भी करवा सकता है. मंगल की अशुभता के कारण जातक अपना काम स्वयं बिगाड़ लेता है.

उपाय एवं टोटके

1. चापलूस मित्रों से दूर रहें.

2. साढ़े पांच रत्ती मूंगा (रत्न) सोने की अंगूठी में जड़वाकर मंगलवार के दिन धारण करें.

3. मूंगा धारण करने की शक्ति (क्षमता) न हो तो ‘सिद्ध मंगल यंत्र’ धारण करें.

4. हाथी दांत से बनी वस्तुएं घर में न रखें.

5. चांदी की अंगूठी बाएं हाथ की उंगली में धारण करें.

चौथे भाव में मंगल

कुण्डली में चौथे खाने में मंगल बैठा हो तो जातक मांगलिक होता है. जातक संतानहीन हो सकता है. जातक रोग से पीड़ित रहता है. क्रोध के कारण स्वयं की हानि होती है. विवाह में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. जातक वृद्धावस्था में अंधा हो सकता है. मंगल चौथे खाने में हो और बुध 12वें हो तो जातक पूर्ण रूप से दरिद्र होता है.

उपाय एवं टोटके

1. त्रिधातु की अंगूठी धारण करें.

2. ‘सिद्ध मंगल यंत्र’ गले में अथवा दाहिने बाजू पर धारण करें. सिद्ध किया हुआ मंगल यंत्र शीघ्र शुभ फल प्रदान करता है.

3. देवताओं की मूर्तियां घर में स्‍थापित न करें.

4. अपने बिस्तर, तकिया आदि पर लाल रंग का कवर चढ़ाएं.

पांचवें भाव में मंगल

कुण्डली के पांचवें खाने (भाव) में मंगल बैठा हो तो जातक (जिसकी जन्म कुण्डली हो), पाप कर्म में लिप्त शराबी हो सकता है. जीवन में अनेक परेशानियां आएंगी. मिरगी का रोगी भी हो सकता है. जातक नेत्र रोगी भी हो सकता है. जातक की स्त्री गर्भस्राव रोग से परेशान हो सकती है.

उपाय एवं टोटके

1. रात को सिरहाने तांबे के लोटे में पानी भरकर रखें और सुबह उठकर उस जल को पीपल के वृक्ष की जड़ में डाल दें.

2. आंगन में नीम का पेड़ लगाएं.

3. ‘सिद्ध मंगल यंत्र’ गले में धारण करें या सवा पांच रत्ती मूंगा की अंगूठी बनवाकर दाहिने हाथ की उंगली में मंगलवार के दिन धारण करें.

4. मंगलवार का व्रत रखें.

5. मंगलवार को हनुमान मंदिर में जाकर हनुमान चालीसा बांटें.

6. वैदिक विधि से ‘मंगल शांति पाठ’ कराएं.

छठे भाव में मंगल

जिसकी कुण्डली में मंगल छठे भाव में होता है वैसा जातक बवासीर या ब्लडप्रेशर का रोगी हो सकता है. जातक कामुक स्वभाव होता है और पराई स्त्रियों पर बुरी नीयत रखता है. मंगल छठे भाव में हो और बुध आठवें भाव हो तो जातक की छोटी उम्र में ही उसकी माता का देहान्त हो जाने की आशंका रहती है. मंगल छठे और बुध 12वें भाव में हो तो जातक के भाई-बहनों की स्थि‍ति दयनीय होती है.

उपाय एवं टोटके

1. चार सूखे खड़कते ना‍रियल मंगलवार के दिन नदी में प्रवाहित करें.

2. मंगलवार के दिन हनुमानजी को सिंदूर चढ़ाएं और पीले लड्डू का प्रसाद चढ़ाकर लोगों को बांटें.

3. ‘सिद्ध मंगल यंत्र’ धारण करने से अशुभता का नाश होगा और शुभ फल मिलेगा.

4. हनुमान चालीसा या हनुमान स्त‍ुति बांटें.

5. कुंवारी कन्याओं का पूजन करें.

सातवें भाव में मंगल

कुण्डली के सातवें घर (भाव) में मंगल बैठा हो तो जातक की स्त्री क्रोधी स्वभाव की होगी. जातक स्वयं क्रोध के कारण अपना नुकसान कर लेता है. जातक प्राय: पुत्रहीन होता है. ऐसे जातकों की पराई स्त्री से संबंध होते हैं.

उपाय एवं टोटके

1. चांदी की ठोस गोली बनवाकर सदैव अपनी जेब में रखें.

2. मंगलवार के दिन लस्सी जरूर पियें.

3. लाल रूमाल अपनी जेब में रखें.

4. बहन को मंगलवार के दिन अपने हाथ से मिठाई खिलाएं.

5. ‘सिद्ध मंगल यंत्र’ धारण करें.

6. हनुमानजी का व्रत रखें, हनुमान चालीसा बांटें.

आठवें भाव में मंगल

कुण्डली में आठवें भाव (घर) में मंगल बैठा हो तो मंगल के अशुभ प्रभाव से जातक अल्प आयु वाला तथा दरिद्र होता है. जातक के लिए 28 वर्षों तक मौत का फंदा बना रहता है. मंगल आठवें भाव में हो और बुध छठे भाव में हो तो जातक की माता की मृत्यु जातक के बचपन में हो जाने की आशंका रहती है. जातक ‘मर्डर केस’ में फंस सकता है. जातक रोगी होता है.

उपाय एवं टोटके

1. विधवा स्त्री की सेवा करें.

2. चांदी की चेन धारण करें.

3. ‘सिद्ध मंगल यंत्र’ जरूर धारण करें.

4. त्रिधातु की अंगूठी धारण करें.

5. हनुमान चालीसा का प्रतिदिन पाठ करें और मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा हनुमानजी के मंदिर में जाकर बांटें.

6. लाल रूमाल सदैव अपने पास रखें.

नौवें भाव में मंगल

कुण्डली में नवम् भाव में मंगल हो तो जातक क्रोधी स्वभाव का होता है. विद्या अधूरी रह जाती है. जातक झूठा होता है. ईमानदार हो फिर भी बदनामी मिलती है. जीवन के क्षेत्र में सफलता कम मिलती है. ऐसा जाकत स्त्री की कमाई पर जीवन-यापन करता है.

उपाय एवं टोटका

1. मंगलवार को 21, 51 या 101 हनुमान चालीसा बांटें.

2. मंगलवार को हनुमानजी को सिंदूर एवं लड्डू चढ़ाएं.

3. ‘सिद्ध मंगल यंत्र’ धारण करें.

4. तांबे के सात चौकोर टुकड़े बनाकर मिट्टी के नीचे दबा दें.

5. प्रतिदिन ‘हनुमान स्तुति’ का पाठ करें.

दसवें भाव में मंगल

दसवें खाने में अगर मंगल बैठा हो तो जातक को चोरी के आरोप में जेल जाना पड़ सकता है. मंगल दसवें, सूर्य चौथे, बुध छठे खाने में हो तो जातक एक आंख का काना हो सकता है. मंगल के साथ कोई पापी ग्रह हो तो जातक बर्बाद हो जाता है. मंगल के अशुभ प्रभाव से जातक 15 वर्ष तक बीमारी से पी‍ड़ित हो सकता है. उपाय

उपाय एवं टोटका

1. संतानहीन की सेवा करें.

2. घर में हिरण पालें.

3. मंगलवार को मीठा भोजन करें.

4. हनुमानजी को लड्‍डू चढ़ाएं.

5. मंगलवार को हनुमान चालीसा बांटें.

ग्‍यारहवें भाव में मंगल

मंगल ग्यारहवें भाव में हो तो जातक कर्जदार रहता है. जातक की संतान झगड़ालू होती है. जातक को मित्रों से धोखे मिलते हैं. शिक्षा में विघ्न बाधाएं उत्पन्न होती हैं. आजीविका के लिए कठोर संघर्ष करना पड़ सकता है.

उपाय एवं टोटका

1. बिना जोड़ वाला सोने का छल्ला धारण करें.

2. काला कुत्ता पालें.

3. केसर का तिलक लगाएं.

4. कर्ज से मुक्ति के लिए प्रभावकारी ‘सिद्ध मंगल यंत्र’ धारण करें.

5. मंगल व्रत रखें और पीले लड्‍डू का प्रसाद बांटें.

बारहवें भाव में मंगल

कुण्डली में बारहवें भाव में अगर मंगल हो तो जातक को शत्रुओं से हानि की आशंका रहती है. लाभ से अधिक व्यय होगा. घर में चोरी होने का भय बना रहता है. पत्नी से अनबन की संभावना प्रबल रहती है. जातक संतानहीन हो सकता है.

उपाय एवं टोटका

1. चांदी की चेन धारण करें.

2. लाल रूमाल सदैव अपने पास रखें.

3. एक किलो पतासे मंगल के दिन बहते जल में प्रवाहित करें.

4. ‘सिद्ध मंगल यंत्र’ धारण करने से शुभ लाभ होगा.

5. तंदूर में मीठी रोटी सेंककर कुत्ते को खिलाएं.

6. साढ़े पांच रत्ती मूंगा सोने की अंगूठी में जड़वाकर धारण करें.

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