13.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शिव जी के इन उपायों से विवाह में आ रही बाधाएं होगीं दूर

शीघ्र विवाह के लिए लड़का और लड़की को भगवान शिव की निष्‍ठा पूर्वक पूजा करनी चाहिए. भारतीय ज्योतिष मे नौ ग्रहों मे से सूर्य, शनि, राहु, और केतु का प्रभाव अधिक माना गया है. शादी-विवाह में इनमें राहु तथा शनि विशेष रुकावटें उत्पन्न करते हैं. शनि के प्रभाव से विवाह 28 वर्ष की आयु तक […]

शीघ्र विवाह के लिए लड़का और लड़की को भगवान शिव की निष्‍ठा पूर्वक पूजा करनी चाहिए. भारतीय ज्योतिष मे नौ ग्रहों मे से सूर्य, शनि, राहु, और केतु का प्रभाव अधिक माना गया है. शादी-विवाह में इनमें राहु तथा शनि विशेष रुकावटें उत्पन्न करते हैं. शनि के प्रभाव से विवाह 28 वर्ष की आयु तक नहीं हो पाता तथा शनि और राहु साथ मे हो तो समाज की मान्यताओं से कुछ हट कर विवाह होता है. इसके इलावा भी कुंडली कुछ योग होते हैं जो विवाह में विलंब का कारण बनते हैं. शीघ्र विवाह हेतु इन चारों ग्रहों की शांति अति आवश्यक है. इसके अलावे भी 16 सोमवारी और रामचरितमानस में शिव-पार्वती विवाह प्रकरण के पाठ से भी विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं. कन्या को 16 सोमवार का व्रत करना चाहिए तथा प्रत्येक सोमवार को शिव मन्दिर में जाकर जलाभिषेक करना चाहिए, मां पार्वती का श्रृंगार करना चाहिए और शिव पार्वती के मध्य गठजोड़ बांधते हुए शीघ्र विवाह के लिए प्रार्थना करना चाहिए.

‘ऊँ नमः मनोभिलाषितं वरं देहि वरं ही ऊँ गोरा पार्वती देव्यै नमः’

इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करने से भी विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं. इसके अलावे विवाह अभिलाषी लड़का या लड़की शुक्रवार के दिन भगवान शंकर पर जलाभिषेक करें तथा शिव लिंग पर ‘ऊँ नमः शिवाय’ बोलते हुए 108 पुष्प चढ़ावें शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें साथ ही शंकर जी पर 21 बिल्वपत्र चढ़ावें. निम्न मंत्र से भगवान शिव की पूजा करने से भी जल्द विवाह होता है.

मंत्र –

हे गौरी शंकर अर्धागिंनी यथा त्वं शंकर प्रिया

तथा मम कुरू कल्याणी कान्त कान्ता सुदुर्लभम् ।।

मानस में शिव पार्वती विवाह प्रकरण

दोहा :

मुनि अनुसासन गनपतिहि पूजेउ संभु भवानि।

कोउ सुनि संसय करै जनि सुर अनादि जियँ जानि॥१००॥

चौपाई :

जसि बिबाह कै बिधि श्रुति गाई। महामुनिन्ह सो सब करवाई॥

गहि गिरीस कुस कन्या पानी। भवहि समरपीं जानि भवानी॥

पानिग्रहन जब कीन्ह महेसा। हिंयँ हरषे तब सकल सुरेसा॥

बेद मंत्र मुनिबर उच्चरहीं। जय जय जय संकर सुर करहीं॥

बाजहिं बाजन बिबिध बिधाना। सुमनबृष्टि नभ भै बिधि नाना॥

हर गिरिजा कर भयउ बिबाहू। सकल भुवन भरि रहा उछाहू॥

दासीं दास तुरग रथ नागा। धेनु बसन मनि बस्तु बिभागा॥

अन्न कनकभाजन भरि जाना। दाइज दीन्ह न जाइ बखाना॥

छंद :

दाइज दियो बहु भाँति पुनि कर जोरि हिमभूधर कह्यो।

का देउँ पूरनकाम संकर चरन पंकज गहि रह्यो॥

सिवँ कृपासागर ससुर कर संतोषु सब भाँतिहिं कियो।

पुनि गहे पद पाथोज मयनाँ प्रेम परिपूरन हियो॥

दोहा :

नाथ उमा मन प्रान सम गृहकिंकरी करेहु।

छमेहु सकल अपराध अब होइ प्रसन्न बरु देहु॥१०१॥

चौपाई :

बहु बिधि संभु सास समुझाई। गवनी भवन चरन सिरु नाई॥

जननीं उमा बोलि तब लीन्ही। लै उछंग सुंदर सिख दीन्ही॥

करेहु सदा संकर पद पूजा। नारिधरमु पति देउ न दूजा॥

बचन कहत भरे लोचन बारी। बहुरि लाइ उर लीन्हि कुमारी॥

कत बिधि सृजीं नारि जग माहीं। पराधीन सपनेहुँ सुखु नाहीं॥

भै अति प्रेम बिकल महतारी। धीरजु कीन्ह कुसमय बिचारी॥

पुनि पुनि मिलति परति गहि चरना। परम प्रेम कछु जाइ न बरना॥

सब नारिन्ह मिलि भेटि भवानी। जाइ जननि उर पुनि लपटानी॥

छंद :

जननिहि बहुरि मिलि चली उचित असीस सब काहूँ दईं।

फिरि फिरि बिलोकति मातु तन तब सखीं लै सिव पहिं गई॥

जाचक सकल संतोषि संकरु उमा सहित भवन चले।

सब अमर हरषे सुमन बरषि निसान नभ बाजे भले॥

दोहा :

चले संग हिमवंतु तब पहुँचावन अति हेतु।

बिबिध भाँति परितोषु करि बिदा कीन्ह बृषकेतु॥१०२॥

चौपाई :

तुरत भवन आए गिरिराई। सकल सैल सर लिए बोलाई॥

आदर दान बिनय बहुमाना। सब कर बिदा कीन्ह हिमवाना॥

जबहिं संभु कैलासहिं आए। सुर सब निज निज लोक सिधाए॥

जगत मातु पितु संभु भवानी। तेही सिंगारु न कहउँ बखानी॥

करहिं बिबिध बिधि भोग बिलासा। गनन्ह समेत बसहिं कैलासा॥

हर गिरिजा बिहार नित नयऊ। एहि बिधि बिपुल काल चलि गयऊ॥

तब जनमेउ षटबदन कुमारा। तारकु असुर समर जेहिं मारा॥

आगम निगम प्रसिद्ध पुराना। षन्मुख जन्मु सकल जग जाना॥

छंद :

जगु जान षन्मुख जन्मु कर्मु प्रतापु पुरुषारथु महा।

तेहि हेतु मैं बृषकेतु सुत कर चरित संछेपहिं कहा॥

यह उमा संगु बिबाहु जे नर नारि कहहिं जे गावहीं।

कल्यान काज बिबाह मंगल सर्बदा सुखु पावहीं॥

दोहा :

चरित सिंधु गिरिजा रमन बेद न पावहिं पारु।

बरनै तुलसीदासु किमि अति मतिमंद गवाँरु॥१०३॥

चौपाई :

संभु चरित सुनि सरस सुहावा। भरद्वाज मुनि अति सुख पावा॥

बहु लालसा कथा पर बाढ़ी। नयनन्हि नीरु रोमावलि ठाढ़ी॥

प्रेम बिबस मुख आव न बानी। दसा देखि हरषे मुनि ग्यानी॥

अहो धन्य तव जन्मु मुनीसा। तुम्हहि प्रान सम प्रिय गौरीसा॥

सिव पद कमल जिन्हहि रति नाहीं। रामहि ते सपनेहुँ न सोहाहीं॥

बिनु छल बिस्वनाथ पद नेहू। राम भगत कर लच्छन एहू॥

सिव सम को रघुपति ब्रतधारी। बिनु अघ तजी सती असि नारी॥

पनु करि रघुपति भगति देखाई। को सिव सम रामहि प्रिय भाई॥

दोहा :

प्रथमहिं मै कहि सिव चरित बूझा मरमु तुम्हार।

सुचि सेवक तुम्ह राम के रहित समस्त बिकार॥१०४॥

चौपाई :

मैं जाना तुम्हार गुन सीला। कहउँ सुनहु अब रघुपति लीला॥

सुनु मुनि आजु समागम तोरें। कहि न जाइ जस सुखु मन मोरें॥

राम चरित अति अमित मुनिसा। कहि न सकहिं सत कोटि अहीसा॥

तदपि जथाश्रुत कहउँ बखानी। सुमिरि गिरापति प्रभु धनुपानी॥

सारद दारुनारि सम स्वामी। रामु सूत्रधर अंतरजामी॥

जेहि पर कृपा करहिं जनु जानी। कबि उर अजिर नचावहिं बानी॥

प्रनवउँ सोइ कृपाल रघुनाथा। बरनउँ बिसद तासु गुन गाथा॥

परम रम्य गिरिबरु कैलासू। सदा जहाँ सिव उमा निवासू॥

दोहा :

सिद्ध तपोधन जोगिजन सूर किंनर मुनिबृंद।

बसहिं तहाँ सुकृती सकल सेवहिं सिब सुखकंद॥१०५॥

चौपाई :

हरि हर बिमुख धर्म रति नाहीं। ते नर तहँ सपनेहुँ नहिं जाहीं॥

तेहि गिरि पर बट बिटप बिसाला। नित नूतन सुंदर सब काला॥

त्रिबिध समीर सुसीतलि छाया। सिव बिश्राम बिटप श्रुति गाया॥

एक बार तेहि तर प्रभु गयऊ। तरु बिलोकि उर अति सुखु भयऊ॥

निज कर डासि नागरिपु छाला। बैठै सहजहिं संभु कृपाला॥

कुंद इंदु दर गौर सरीरा। भुज प्रलंब परिधन मुनिचीरा॥

तरुन अरुन अंबुज सम चरना। नख दुति भगत हृदय तम हरना॥

भुजग भूति भूषन त्रिपुरारी। आननु सरद चंद छबि हारी॥

दोहा :

जटा मुकुट सुरसरित सिर लोचन नलिन बिसाल।

नीलकंठ लावन्यनिधि सोह बालबिधु भाल॥१०६॥

चौपाई :

बैठे सोह कामरिपु कैसें। धरें सरीरु सांतरसु जैसें॥

पारबती भल अवसरु जानी। गई संभु पहिं मातु भवानी॥

जानि प्रिया आदरु अति कीन्हा। बाम भाग आसनु हर दीन्हा॥

बैठीं सिव समीप हरषाई। पूरुब जन्म कथा चित आई॥

पति हियँ हेतु अधिक अनुमानी। बिहसि उमा बोलीं प्रिय बानी॥

कथा जो सकल लोक हितकारी। सोइ पूछन चह सैलकुमारी॥

बिस्वनाथ मम नाथ पुरारी। त्रिभुवन महिमा बिदित तुम्हारी॥

चर अरु अचर नाग नर देवा। सकल करहिं पद पंकज सेवा॥

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें