आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी है. भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. देश ही नहीं विदेशों में भी भगवान श्रीकृष्ण के कई मंदिर हैं. ना केवल भारत में बल्कि पूरे जगत में भगवान कृष्ण की अपार महिमा है. भगवान का पूरा जीवन चमत्कारों से भरा रहा है. द्वापर में कंस के आतंक से लोगों को मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से आधी रात को कारागृह में जन्में भगवान कृष्ण रात में ही गोकुल नंदबाबा और यशोदा मईया के पास पहुंचा दिये गये. बाल्यावस्था में ही भगवान ने कई असुरों का संहार किया. गोकुल में कान्हा के रूप में उन्होंने बाल लीलाएं की. किशोरावस्था में उन्होंने गोपियों संग रास रचाकर सभी को तृप्त किया. वहीं आतातायी कंस का संहार किया वहीं जब वे युवा हुए तब अपनी प्रजा को जरासंध के आतंक से मुक्त कराने के लिए अलग नगर द्वारिका का निर्माण करवाया. विश्व के अबतक के सबसे बड़े युद्ध महाभारत में भगवान कृष्ण की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रही. श्रीकृष्ण ने ही गीता का उपदेश पूरी दुनिया को सुनाया जिसमें सभी कालों के सभी प्रश्नों के उत्तर समाहित हैं. आइए जानते हैं भगवान कृष्ण के उन मंत्रों के बारे में जिनको सिद्ध करने से सुख समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.
कृं कृष्णाय नमः : यह मंत्र श्रीकृष्ण का बताया मूलमंत्र है जिसके प्रयोग से व्यक्ति का अटका हुआ धन प्राप्त होता है. इसके अलावे इस मूलमंत्र का जाप करने से घर-परिवार में सुख की वर्षा होती है. इसके अलावा इस मूलमंत्र का जाप करने से घर-परिवार में सुख की वर्षा होती है.
ॐ श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाह : यह कोई साधारण मंत्र नहीं बल्कि श्रीकृष्ण का सप्तदशाक्षर महामंत्र है. अन्य मंत्र शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार 108 बार जाप करने से ही सिद्ध हो जाते हैं लेकिन यह महामंत्र पांच लाख जाप करने से ही सिद्ध होता है. यह मंत्र साधक को करोड़पती बना सकता है.
गोवल्लभाय स्वाहा : देखने में यहमंत्र केवल दो शब्दों का दिखाई देता है. लेकिन धार्मिक संदर्भ से देखें तो इन शब्दों को बनाने के लिए प्रयोग में आए सात अक्षर बेहद महत्वपूर्ण हैं. यदि उच्चारण के समय एक भी अक्षर सही से नहीं पढ़ा जाए, तो इस मंत्र का असर खत्म हो जाता है. इस मंत्र को सिद्ध कर लेने से साधक की हर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
गोकुल नाथाय नमः : इस आठ अक्षरों वाले श्रीकृष्ण महामंत्र का जो भी साधक जाप करता है उसकी सभी इच्छाएं व अभिलाषाएं पूर्ण होती हैं. साधक की वह इच्छा धन से संबंधित हो, भौतिक सुखों से संबंधित हो या किसी भी निजी कामना को पूरा करने के लिए हो. इस मंत्र का सही उच्चारण करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः : यह महामंत्र आर्थिक स्थिति को सुधारने वाला महामंत्र है. इस मंत्र का प्रयोग जो भी साधक करता है उसे संपूर्ण सिद्धियों की प्राप्ति होती है. यह मंत्र आर्थिक स्थिति को ना केवल ठीक करता है, बल्कि उसमें तेजी से वृद्धि लाता है.
ॐ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय : पूर्व में बताये गये जितने भी मंत्र हैं वे सभी सुख एवं संपदा से जुड़े हैं लेकिन यह ऐसा मंत्र है जो विवाह से जुड़ा है. जो साधक प्रेम विवाह करना चाहते हैं लेकिन किन्हीं कारणों से हो नहीं पा रहा है तो वे प्रात: काल में स्नान के बाद ध्यानपूर्वक इस मंत्र का 108 बार जाप करें. कुछ ही दिनों में उन्हें चमत्कारी फल प्राप्त होगा.
ऐं क्लीं कृष्णाय ह्रीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ह्र्सो : यह मंत्र उच्चारण में थोड़ा कठिन जरूर है लेकिन इसका प्रभाव उतना ही तेज है. यह मंत्र वाणी का वरदान देता है.
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री : यह 23 अक्षरों वाला श्रीकृष्ण महामंत्र है जो जीवन में किसी भी प्रकार की बाधा को दूर करने में सहायक सिद्ध होता है.
ॐ नमो भगवते नन्दपुत्राय आनन्दवपुषे गोपीजनवल्लभाय स्वाहा : यह श्रीकृष्ण का 28 अक्षरों वाला महामंत्र है, जिसका जाप करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. जो भी साधक इस मंत्र का जाप करता है उसको समस्त अभीष्ट वांछित वस्तुएं प्राप्त होती हैं.
लीलादंड गोपीजनसंसक्तदोर्दण्ड बालरूप मेघश्याम भगवन विष्णो स्वाहा : श्रीकृष्ण के इस महामंत्र में उन्तीस (29) अक्षर हैं, जिसका जो भी साधक एक लाख जाप करता है और घी, शक्कर तथा शहद में तिल व अक्षत को मिलाकर हवन करता है तो उसे स्थिर लक्ष्मी अर्थात स्थायी संपत्ति की प्राप्ति होती है.
नन्दपुत्राय श्यामलांगाय बालवपुषे कृष्णाय गोविन्दाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा : श्रीकृष्ण द्वारा दिया गया यह महामंत्र 32 अक्षरों वाला है. इस मंत्र के जाप से समस्त आर्थिक मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यदि आप किसी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं तो सुबह स्नान के बाद कम से कम एक लाख बार इस मंत्र का जाप करें. आपको जल्द ही सुधार देखने को मिलेगा.
ॐ कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे। रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ मे” : 33 अक्षरों वाले इस श्रीकृष्ण महामंत्र में ऐसी चमत्कारी शक्तियां हैं जिससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस श्रीकृष्ण मंत्र का जो भी साधक जाप करता है उसे समस्त प्रकार की विद्याएं निःसंदेह प्राप्त होती हैं. यह मंत्र गोपनीय माना गया है इसका जाप करते समय किसी को पता नहीं चलना चाहिए.
कृष्णः कर्षति आकर्षति सर्वान जीवान् इति कृष्णः ॥ ॐ वेदाः वेतं पुरुषः महंतां देवानुजं प्रतिरंत जीव से ॥ : श्रीकृष्ण के इस मंत्र में तैंतीस (33) अक्षर हैं, जिसके नियमित जाप से धन से संबंधित किसी भी प्रकार का संकट टल जाता है.